भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने विराट कोहली और रोहित शर्मा के वनडे क्रिकेट में भविष्य पर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों 2027 वर्ल्ड कप में खेल पाएंगे या नहीं। टी20 और टेस्ट से संन्यास के बाद दोनों खिलाड़ी 19 अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज में खेलते दिखेंगे। चैपियंस ट्रॉफी 2025 जीतने के बाद से दोनों पहली बार भारत के खेलते दिखेंगे।

इससे पहले फॉक्स स्पोर्ट्स के साथ बातचीत के दौरान रवि शास्त्री ने कहा कि विराट कोहली और रोहित शर्मा को लगता है कि वह अभी काफी क्रिकेट खेल सकते है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खिलाड़ियों का लंबे तक बने रहना कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है। शास्त्री ने यह भी बताया कि रोहित और विराट कब संन्यास लेंगे और क्यों लेंगे?

रवि शास्त्री ने क्या कहा?

रवि शास्त्री ने कहा, “विराट कोहली लक्ष्य का पीछा करने में माहिर हैं और रोहित शीर्ष क्रम के विस्फोटक बल्लेबाज हैं। उन्हें लगता है कि उनमें काफी क्रिकेट है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपमें कितनी भूख है, आप कितने फिट हैं, और खेल के प्रति आपका जुनून अभी भी बरकरार है या नहीं। उनके अनुभव के साथ यह बहुत काम आएगा।”

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कभी वनडे शतक नहीं लगा पाए ये 3 बल्लेबाज, एक के पास है इंतजार खत्म करने का मौका

क्या 2027 वर्ल्ड कप खेल पाएंगे रोहित-विराट

रोहित शर्मा और विराट कोहली 2027 में साउथ अफ्रीका में वर्ल्ड कप खेल पाएंगे या नहीं इस पर रवि शास्त्री ने कहा, “मैं तो यही कहूंगा कि एक बार में एक सीरीज पर ध्यान दें। अभी तो बहुत लंबा सफर तय करना है।” कुछ ऐसी ही बात भारतीय टीम के कोच गौतम गंभीर ने भी कही थी। उनसे यह सवाल भारत-वेस्टइंडीज के बीच दिल्ली टेस्ट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा गया।

खुद संन्यास ले लेंगे रोहित शर्मा

रवि शास्त्री ने कहा कि रोहित शर्मा और विराट कोहली खुद तय करेंगे कि कब संन्यास लेना है। ऐसा तब होगा जब उन्हें लगेगा कि वे खेल का आनंद नहीं ले पा रहे हैं और फॉर्म खराब है। उन्होंने कहा, “विराट ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया, रोहित ने भी। उनसे संन्यास लेने के लिए नहीं कहा गया था। वे अपनी मर्जी से गए। मुझे लगता है कि ऐसा ही होगा। अगर वे इसका आनंद नहीं ले पा रहे होंगे। अगर उनका फॉर्म अच्छा नहीं है तो कुछ कहा नहीं जा सकता। हो सकता है कि वे खुद ही संन्यास ले लें।”