टीम इंडिया के लिए इस वक्त सबसे बड़ी परेशानी खिलाड़ियों का चोटिल होना है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में स्टार बल्लेबाज श्रेयस अय्यर फिर से चोटिल हो गए। सीरीज के पहले मैच में भी वह कमर की परेशानी के कारण ही नहीं खेले। वह वनडे सीरीज से भी बाहर हो गए। इससे पहले जसप्रीत बुमराह, रविंद्र जडेजा, दीपक चाहर और प्रसिद्ध कृष्णा समेत काफी क्रिकेटर्स चोटिल हुए हैं। टीम इंडिया पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने खिलाड़ियों के बार-बार चोटिल होने का कारण उनके फिटनेस प्रोग्राम को बताया है। उनका मानना है कि भारतीय खिलाड़ियों के चोटिल होने का कारण जिम में हैवी वेट लिफ्टिंग है।

सहवाग ने टीम इंडिया के परफॉरमेंस कोच बासु शंकर की सभी भारतीय खिलाड़ियों के लिए एक जैसा प्रोग्राम बनाने के लिए आलोचना की। सहवाग ने रविचंद्रन अश्विन के साथ अपनी एक बातचीत के बारे में बताया , जब वह आईपीएल (IPL) में पंजाब किंग्स (PBKS) के मेंटर थे। उन्होंने टीआरएस क्लिप में कहा, “बासु शंकर काफी सालों तक भारतीय टीम के साथ रहे और उन्होंने सभी खिलाड़ियों के लिए एक जैसे प्रोग्राम बनाए। रविचंद्रन अश्विन और विराट कोहली के लिए एक ही प्रोग्राम क्यों होना चाहिए? जब अश्विन किंग्स इलेवन पंजाब के साथ थे, तो उन्होंने मुझे बताया कि वह क्लीन एंड जर्क वर्कआउट कर रहे हैं क्योंकि यह ट्रेंड में था।”

हर कोई विराट कोहली नहीं हो सकता

वीरेंद्र सहवाग ने आगे कहा, “एथलीट बचपन से ही क्लीन एंड जर्क की ट्रेनिंग लेते हैं और फिर भी चोटिल हो जाते हैं। एक 30 साल से अधिक उम्र के क्रिकेटर के बारे में सोचें। इस वर्कआउट की वजह से अश्विन और अक्षर दोनों के घुटनों में दिक्कत थी।” उन्होंने कहा कि फिटनेस महत्वपूर्ण है, लेकिन हर कोई विराट कोहली नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, “हम अपने दिनों में कोई वेट ट्रेनिंग नहीं करते थे, लेकिन फिर भी हम पूरे दिन क्रिकेट खेलते थे। यह विराट कोहली का फंडा हो सकता है, लेकिन हर कोई विराट कोहली नहीं है। आपको अपने शरीर के आधार पर ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार करने की आवश्यकता है।”

क्रिकेट में वेट लिफ्टिंग का कोई काम नहीं

वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह शायद ही इस तरह की चोट से परेशान हुए। उन्होंने कहा, ” क्रिकेट में वेट लिफ्टिंग का कोई काम नहीं है। इसके बजाय आपको ऐसे एक्सरसाइज करने चाहिए जिससे आपका खेल बेहतर हो। वेट लिफ्टिंग आपको ताकत देगा, लेकिन स्टिफनेस और दर्द भी बढ़ाएगा। हमारे समय में, गौतम गंभीर, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण, एमएस धोनी, या युवराज सिंह जैसे खिलाड़ी पीठ, हैमस्ट्रिंग, या क्वाड्रिसेप इंजरी के कारण कभी बाहर नहीं हुए।”