भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज का चौथा और आखिरी मुकाबला ब्रिस्बेन के गाबा में खेला जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज का पहला मुकाबला एडिलेड में अपने नाम किया था। इसके बाद टीम इंडिया ने दूसरे मैच में मेलबर्न के बाद पर उसे हरा दिया। सिडनी में खेला गया तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा था। चौथे टेस्ट में टीम इंडिया ने चार बदलाव किए। दो खिलाड़ियों ने डेब्यू किया और शार्दुल ठाकुर की लंबे समय के बाद वापसी हुई है।

इस सीरीज में भारत के लिए अब तक 19 खिलाड़ियों का इस्तेमाल किया है। 1961-62 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। वहीं, विदेशी जमीन पहली बार भारत के लिए एक सीरीज में 19 खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिला है। पिछली बार 2018 में इंग्लैंड दौरे पर, 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया दौरे और 1959 में इंग्लैंड के दौरे पर 17 खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिला था। भारत के लिए इस सीरीज में पांच खिलाड़ियों ने डेब्यू किया। 25 साल के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत के लिए किसी सीरीज में 5 या उससे ज्यादा खिलाड़ियों ने डेब्यू किया हो।

पिछली बार भारत के लिए एक सीरीज में 5 या उससे ज्यादा खिलाड़ियों ने इंग्लैंड के खिलाफ 1996 में डेब्यू किया था। तब सुनील जोशी, पारस महाम्ब्रे, वेंकटेश प्रसाद, विक्रम राठौर (मौजूदा बैटिंग कोच), राहुल द्रविड़ (नेशनल क्रिकेट एकेडमी के प्रमुख) और सौरव गांगुली (बीसीसीआई अध्यक्ष) ने डेब्यू किया था। गांगुली ने लॉर्ड्स में खेले गए अपने पहले टेस्ट में शतक लगाया था। वहीं, राहुल द्रविड़ नर्वस नाइनटीज का शिकार बने थे। उन्होंने सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 95 रन बनाए थे। गांगुली ने तीसरे नंबर पर बैटिंग की थी। बाद में तीसरा नंबर द्रविड़ का हो गया था।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में मोहम्मद सिराज, शुभमन गिल, नवदीप सैनी, टी नटराजन और वॉशिंगटन सुंदर ने डेब्यू किया है। नटराजन टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने वाले 300वें और वॉशिंगटन 301वें प्लेयर हैं। नटराजन को बॉलिंग कोच भरत अरुण और वॉशिंगटन को रविचंद्रन अश्विन ने डेब्यू कैप सौंपी। नटराजन एक ही दौरे पर तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और टी-20) में डेब्यू करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं।