रवि शास्त्री को जुलाई 2017 में सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण वाली क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी (सीएसी) ने टीम इंडिया का मुख्य कोच (Head Coach) नियुक्त किया था। शास्त्री ने हालांकि, 2016 में भी भारतीय क्रिकेट टीम का हेड कोच बनने के लिए इंटरव्यू दिया था, लेकिन तब कथित रूप से सौरव गांगुली से विवाद के चलते उन्हें मुख्य कोच नहीं चुना गया था।
खबरों की मानें तो सौरव गांगुली को रवि शास्त्री का वीडियो कॉल के जरिए इंटरव्यू देना रास नहीं आया था। रवि शास्त्री ने रजत शर्मा के शो ‘आप की अदालत’ में इस मामले पर विस्तार से चर्चा की थी। बता दें कि रवि शास्त्री 2016 से पहले 18 महीने तक टीम इंडिया के डायरेक्टर भी रहे थे। रजत शर्मा ने उनसे सवाल किया था, ‘जब आप डायरेक्टर थे तब टीम इंडिया अगर हारती थी तो आपको बहुत गुस्सा आता था। मुंबई में साउथ अफ्रीका से हारे तो क्यूरेटर को पकड़ लिया था।’
रजत शर्मा ने कहा, ‘क्यूरेटर ने शिकायत की थी कि आपने उसे धमकी दी थी।’ रवि शास्त्री ने कहा, ‘नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। क्या मैं आपको ऐसा लगता हूं?’ रजत शर्मा ने कहा, ‘आपने सौरव गांगुली को भी धमकी दी थी। आपने कहा था कि उन्होंने मेरा अपमान किया।’ शास्त्री ने कहा, ‘नहीं, नहीं, नहीं। मैंने धमकी नहीं दी थी।’
शास्त्री ने कहा, ‘देखो वह इंटरव्यू था। हमें बोर्ड ने कहा था, क्योंकि समय कम है, अगर आप दो दिन में कलकत्ता नहीं आ सकते हैं, तो आप वीडियो कॉन्फ्रेंस पर इंटरव्यू दे सकते हैं।’ रजत ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा, ‘रवि यह एरोगेंस नहीं थी कि आप बैंकाक में छुट्टी मना रहे थे। इंडियन टीम के हेड कोच के लिए इंटरव्यू है। आपका यह अहंकार नहीं है कि मैं तो जहां हूं वहीं से दूंगा?’
शास्त्री ने कहा, ‘नहीं, नहीं। यह तो पहले से ही प्लान हुआ था। बीसीसीआई से जो मेल आया था, उसमें साफ लिखा हुआ था कि दो दिन का समय है। अगर आप नहीं आ सकते तो इस समय पर आपको वीडियो कॉन्फ्रेंस पर आना पड़ेगा। उसमें समय भी लिखा था। वीडियो कॉन्फ्रेंस पर सचिन जी थे। वीवीएस लक्ष्मण थे। संजय जगदाले जी तो वहीं (कोलकाता) पर थे।’
शास्त्री ने कहा, ‘मैंने सोचा कि अगर यह लिखा हुआ है तो मैं कुछ गलत नहीं कर रहा हूं। मुझे इसलिए निराशा हुई, क्योंकि सचिन जी बैठ सकते हैं। वह इंग्लैंड में थे। वे वहां से 6-7 घंटे वीडियो कॉन्फ्रेंस पर बैठ सकते हैं। वहां पर वीवीएस लक्ष्मण थे। सौरव नहीं था।’
शास्त्री ने कहा, ‘मुझे सेलेक्शन की कोई चिंता नहीं थी, लेकिन मैं इसलिए निराश हुआ, क्योंकि जिस व्यक्ति ने देश के लिए 18 या 20 महीने बहुत ही अच्छा काम किया है। यह चयन प्रक्रिया है, तो कम से कम थोड़ा तो इज्जत होना चाहिए था।’
रजत शर्मा ने कहा, ‘सब कहते हैं कि सौरव गांगुली दादा हैं। उनसे पंगा नहीं लेना चाहिए। आपने ले लिया। शास्त्री ने कहा, कुछ फर्क नहीं पड़ता। मैंने तो बहुत से लोगों से पंगे लिए हैं।’