हरभजन सिंह, गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग और युवराज सिंह को 2011 वर्ल्ड कप फाइनल के बाद लगातार टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। यहां तक कि ये चारों खिलाड़ी 2015 में हुए वर्ल्ड कप में भी नहीं खेल पाए थे। इस बात का मलाल हरभजन सिंह को है। उन्होंने एक इंटरव्यू में इस बारे में कई बातें कही थीं। भज्जी के मुताबिक, 2011 वर्ल्ड कप फाइनल के बाद उन्हें इस तरह टीम से निकाल दिया गया, जिस तरह दूध में पड़ी मक्खी को निकाला जाता है।
हरभजन ने आज तक न्यूज चैनल को कुछ साल पहले एक इंटरव्यू दिया था। इस दौरान युवराज सिंह भी स्टेज पर मौजूद थे। स्पोर्ट्स एंकर विक्रांत गुप्ता ने उनसे सवाल किया, ‘‘ये लगता है कि 2011 वर्ल्ड कप आपलोग जीते, जिसमें वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह और गंभीर थे, जो 2015 वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाए। 2011 फाइनल के बाद आपलोगों को वर्ल्ड कप का मैच ही नहीं मिला।’’ इस पर हरभजन ने कहा, ‘‘बिल्कुल, कोई भी टीम वर्ल्ड कप जीतती है तो मुझे लगता है कि उस टीम में कई खिलाड़ी होते हैं जो अगला वर्ल्ड कप खेल सकते हैं। कुछ खिलाड़ी हमारी टीम में भी अगला वर्ल्ड कप खेल सकते थे।’’
हरभजन ने आगे कहा, ‘‘इसमें युवराज भी थे मैं भी था। वीरेंद्र सहवाग की अगर फिटनेस ठीक होती तो वो भी खेल सकते थे। गौतम गंभीर अगला वर्ल्ड कप खेल सकते थे। मुझे पता नहीं कि हमलोगों को बाहर करने के पीछे क्या एजेंडा था। जैसे होता है न कि आपका काम हो गया और अब आप निकले। नई टीम बनानी है। नई टीम तब बनानी होती है जब वो टीम जीती न हो या सेमीफाइनल से पहले हार गई है। हम वर्ल्ड कप जीते हैं। उस टीम को आपको साथ लेकर चलना होता है।’’
हरभजन ने कहा, ‘‘जिस तरह युवराज सिंह ने कहा कि सिर्फ युवाओं के सहारे आप वर्ल्ड कप नहीं जीत सकते हो। आपको अनुभवी खिलाड़ियों की जरुरत होती है। जब मुश्किल घड़ी आती है तो अनुभवी खिलाड़ी सही फैसले लेते हैं। पता नहीं क्या दबाव था जो हमलोगों को हटाया गया। ये भारतीय क्रिकेट में चलते आ रहा है और इसे बदलने की जरुरत है। जिसने टीम के लिए बहुत काम किया है उसे इज्जत के साथ विदा होना चाहिए। गंभीर, युवराज या लक्ष्मण सभी खटास के साथ बाहर गए हैं।’’