दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी ग्रीम स्मिथ ने भारतीय क्रिकेट में बदलाव लाने के लिए टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली की सराहना की है। स्मिथ अपने करियर में कई बार गांगुली के खिलाफ खेले थे। स्मिथ ने स्टार स्पोर्ट्स पर क्रिकेट कनेक्टेड शो में कहा, “गांगुली हमेशा ऐसे खिलाड़ी रहे हैं कि अगर आप उन्हें छेड़ेंगे, तो फिर आपको जवाब के लिए तैयार रहना होगा।’’

स्मिथ ने कहा, ‘‘मैंने दादा (गांगुली) के साथ लंबा समय बिताया है। खासकर क्रिकेट प्रशासक के तौर पर हमने टेलिफोन पर कई बार बात की है। वे हमेशा शांत और शांत रहते हैं और खेल की बेहतरी को लेकर अक्सर बात करने को तैयार रहते हैं।’’ स्मिथ ने इस दौरान गांगुली द्वारा लॉर्ड्स की बालकनी में शर्ट उतारकर जश्न मनाने के वाकये को भी याद किया। उन्होंने कहा, ‘‘वह एक बेहतरीन नजारा था। वह गांगुली के बिना डरे हुए नेतृत्व करने की क्षमता को दिखाता है।’’

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व ने आगे कहा, ‘‘मुझे लगता है सबको वह जश्न याद है। उन्होंने दिखाया कि वे किसी करह के दबाव में नहीं आते हैं। लॉर्ड्स में टी-शर्ट लहराने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके लिए वो जीत कितनी अहम थी।’’ नेटवेस्ट ट्रॉफी में भारत ने इंग्लैंड को फाइनल मुकाबले में हराया था। उस जीत के आज 18 साल पूरे हो गए। मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह ने चमत्कारिक पारी खेली थी।

स्मिथ को 2003 में दक्षिण अफ्रीका का कप्तान बनाया गया था। वे 22 साल की उम्र में अफ्रीकी टीम का नेतृत्व करने वाले इकलौते खिलाड़ी थे। उस दौरान गांगुली टीम इंडिया के कप्तान थे। दोनों का सामना बहुत कम ही हुआ। उन्होंने खुलासा किया कि कुछ मौकों को छोड़ दें, तो हमारे रिश्ते अच्छे ही रहे हैं और कभी बात हाथ से नहीं निकली और गांगुली ने उन्हें कभी टॉस के लिए भी इंतजार नहीं कराया। गांगुली ने 2001 में कोलकाता टेस्ट में स्टीव वॉ को टॉस के लिए इंतजार करवाया था।