हर इंसान को किसी न किसी चीज पर विश्वास होता है। कोई रुमाल, कड़ा या ब्रेसलेट को लकी मानता है। उन्हें लगता है कि अगर वह चीज उनके पास रहेगी तो उनकी जिंदगी में सब कुछ अच्छा होगा। कई लोग इसे अंधविश्वास का भी नाम देते हैं। लेकिन बड़े-बड़े बिजनेसमैन से लेकर आम लोग भी अंधविश्वास में यकीन करते हैं। क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं है। सचिन तेंदुलकर से लेकर महेंद्र सिंह धोनी तक हर खिलाड़ी मैदान पर उतरने से पहले कुछ न कुछ करता है। उदाहरण के तौर पर सचिन तेंदुलकर जब बल्लेबाजी करने उतरते थे तो बाएं पैर का पैड पहले बांधते थे। आइए आपको बताते हैं मौजूदा टीम इंडिया के खिलाड़ियों के अंधविश्वास के बारे में:

शिखर धवन/रोहित शर्मा: पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की तरह शिखर धवन और रोहित शर्मा जब क्रीज पर होते हैं तो वह अकसर गाने गाते हैं, ताकि वह आगे बढ़ते जाएं। कहने वाले कुछ भी कहें, लेकिन धवन को इससे फायदा तो मिल रहा है। श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उन्हें मैन अॉफ द सीरीज चुना गया था। वहीं पहले वनडे में शानदार शतक लगाकर वह मैन अॉफ द मैच बने।

युवराज सिंह: फिलहाल चर्चा यह है कि युवराज आगे खेलेंगे या नहीं। लेकिन 2011 वर्ल्ड कप के मैन अॉफ द सीरीज युवराज हमेशा 12 नंबर की जर्सी पहनते हैं। यह उनकी जन्मतिथि भी है। इसके अलावा वह कलाई पर एक काले रंग का कलावा भी पहनते हैं।

रविचंद्रन अश्विन: बल्लेबाजों को फिरकी में फंसाने में माहिर अश्विन भी अंधविश्वास को मानते हैं। उन्होंने कहा था कि उनके पास एक बैग है, जो उनके लिए तो नहीं, लेकिन टीम के लिए लकी है। 2011 वर्ल्ड कप में अश्विन दो मैच में खेले थे, लेकिन जहां-जहां टीम गई वह बैग उसके साथ गया। नतीजा, भारत वर्ल्ड कप जीत गया।

महेंद्र सिंह धोनी: यह बात सभी को पता है कि पूर्व कप्तान और मौजूदा विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी 7 नंबर को अपने लिए लकी मानते हैं। उनका जन्म 7 तारीख को हुआ था और उनकी जर्सी का नंबर भी यही है। धोनी फिलहाल श्रीलंका दौरे पर हैं। पहले वनडे में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था।

विराट कोहली: मौजूदा विश्व क्रिकेट के सबसे खतरनाक और सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज। 28 शतक ठोक चुके भारतीय कप्तान का सक्सेस सीक्रेट हर कोई जानना चाहता है। हालांकि दिल्ली के इस खिलाड़ी का किसी चीज में खास विश्वास तो नहीं है, लेकिन सचिन तेंदुलकर की तरह वह उन ग्लव्ज को संभालकर रखते हैं, जिससे वह रन बनाते हैं। वह जब भी बल्लेबाजी करने उतरते हैं तो उन्हीं ग्लव्ज को दोबारा पहनते हैं। कोहली का मानना है कि कड़ा उनके लिए लकी है।