दिल्ली की एक पारिवारिक अदालत ने बुधवार 4 अक्टूबर 2023 को क्रिकेटर शिखर धवन को आयशा मुखर्जी से तलाक की मंजूरी दे दी। बार बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने यह कहते हुए कि पत्नी ने शिखर धवन को मानसिक क्रूरता का शिकार बनाया, तलाक पर मुहर लगा दी। फैमिली कोर्ट के न्यायाधीश हरीश कुमार ने तलाक याचिका में शिखर धवन की ओर से पत्नी आयशा मुखर्जी के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को इस आधार पर स्वीकार कर लिया कि पत्नी ने या तो उक्त आरोपों का विरोध नहीं किया या खुद का बचाव करने में विफल रहीं।
न्यायाधीश ने माना कि पत्नी ने शिखर धवन को उनके इकलौते बेटे से वर्षों तक अलग रहने के लिए मजबूर करके मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। हालांकि, कोर्ट ने शिखर धवन और आयशा मुखर्जी के बेटे की स्थायी कस्टडी पर कोई भी आदेश देने से इंकार कर दिया। अदालत ने शिखर धवन को भारत और ऑस्ट्रेलिया में उपयुक्त अवधि के लिए अपने बेटे से मिलने और उसके साथ वीडियो कॉल पर बातचीत करने का अधिकार दिया।
शिखर धवन की याचिका के अनुसार,पत्नी ने शुरू में कहा था कि वह उनके साथ भारत में रहेगी। हालांकि,वह अपने पूर्व पति के प्रति प्रतिबद्धता के कारण ऐसा करने में विफल रही। आयशा को पूर्व पति से दो बेटियां हैं। आयशा ने अपने पूर्व पति से ऑस्ट्रेलिया नहीं छोड़ने का वादा किया था जहां वह वर्तमान में अपनी दो बेटियों और धवन के बेटे के साथ रहती हैं।
शिखर धवन बिना किसी गलती के वर्षों तक पीड़ा से गुजरे: फैमिली कोर्ट
न्यायाधीश ने कहा, ‘वह (धवन) बिना किसी गलती के वर्षों तक अपने ही बेटे से अलग रहकर अत्यधिक पीड़ा से गुजरे।’ हालांकि, आयशा ने आरोप से इंकार करते हुए कहा कि वह धवन के साथ भारत में रहना चाहती थी, लेकिन अपनी बेटियों के प्रति प्रतिबद्धता के कारण उन्हें ऑस्ट्रेलिया में रहना पड़ा। वह भारत में रहने नहीं आ पाईं। शिखर धवन उनके कमिटमेंट से अच्छी तरह वाकिफ थे।
न्यायाधीश ने कहा, आयशा ने शिखर धवन के दावे का विरोध करने का विकल्प नहीं चुना, इसलिए धवन की गवाही पर विश्वास करना होगा। न्यायाधीश ने कहा, इसलिए यह साबित हो गया है कि पत्नी शादी के बाद भारत में वैवाहिक घर स्थापित करने के अपने आश्वासन से पीछे हट गई और उसे (शिखर धवन) को लंबी दूरी की शादी का सामना करना पड़ा और वर्षों तक अपने ही बेटे से अलग रहने की भारी पीड़ा झेलनी पड़ी।
कोर्ट ने शिखर धवन की उस दलील पर भी विचार किया, जिसमें पत्नी ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया में अपने पैसे से खरीदी गई तीन संपत्तियों में से 99 प्रतिशत का मालिक बनाने के लिए मजबूर किया था। आयशा इस दावे का भी विरोध करने में विफल रही और इसलिए कोर्ट ने धवन के आरोपों को स्वीकार कर लिया। अदालत ने आयशा के दावे को खारिज करते हुए माना कि उन्होंने शिखर धवन पर दबाव डालने, बदनाम करने और अपमानित करने के उद्देश्य से कई लोगों को अपमानजनक संदेश भेजे थे।
