एकदिवसीय शृंखला में हार के बाद भारतीय टीम आस्ट्रेलिया के खिलाफ मंगलवार से यहां शुरू हो रही तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की शृंखला में बेहतर प्रदर्शन करके मार्च-अप्रैल में अपनी सरजमीं पर होने वाले विश्व टी20 से पूर्व सही संतुलन हासिल करने की कोशिश करेगी। भारत को एकदिवसीय शृंखला में 1-4 से शिकस्त का सामना करना पड़ा था और टी20 में उसके पास अब तक के निराशाजनक दौरे पर सकारात्मक नतीजे हासिल करने का मौका होगा। दोनों टीमें इस शृंखला के साथ विश्व टी20 की तैयारी करेंगी। भारत को विश्व टी20 से पहले सिर्फ टी20 मैच खेलने हैं और ऐसे में उसके पास तैयारी का बेहतर मौका है। भारतीय टीम काफी टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेलती। वर्ष 2006 में अंतराष्ट्रीय कार्यक्रम में इस प्रारूप को जगह मिलने के बाद से भारत ने इस प्रारूप में सिर्फ 57 मैच खेले हैं जिसमें से 28 उसने पांच विश्व टी20 चैंपियनशिप के दौरान 2007, 2009, 2010, 2012 और 2014 में खेले।

भारत ने पहला टी20 मैच दिसंबर 2006 में दक्षिण अफ्रीका के साथ खेला था और तब से उसने द्विपक्षीय शृंखला में सिर्फ 29 मैच खेले हैं और इसमें भी उसका रेकार्ड खास नहीं है। टीम ने 14 मैचों में जीत दर्ज की है जबकि 15 में हार मिली है। टी20 शृंखला में एक बार फिर बल्लेबाजों का दबदबा देखने को मिल सकता है। पिच के सपाट होने और इससे बल्लेबाजों के अनुकूल उछाल मिलने की उम्मीद है।

यहां हालात भारत में विश्व टी20 से अलग होंगे जिससे कोई भी टीम अपने स्पिन विकल्पों का आकलन प्रभावी तरीके से नहीं कर पाएगी लेकिन टीम में संतुलन हासिल करने के लिए ये मैच अहम होंगे। भारत को टीम का संतुलन बेहतर करना होगा विशेषकर बल्लेबाजी में जो उसका मजबूत पक्ष है। अजिंक्य रहाणे चोट के कारण पहले टी20 से बाहर हो गए हैं।

इस शृंखला में सभी की नजरें सलामी बल्लेबाजी शिखर धवन पर टिकी होंगी क्योंकि उन्होंने एकदिवसीय शृंखला के दौरान फार्म में वापसी के संकेत दिए जिसका मतलब हुआ कि वे रोहित शर्मा के साथ पारी का आगाज जारी रखेंगे। विराट कोहली का तीसरे नंबर पर खेलना तय है और युवराज सिंह बांग्लादेश में 2014 में हुए विश्व टी20 के फाइनल के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर सकते हैं। सिडनी में शतक जड़ने वाले मनीष पांडे यहां टी20 टीम का हिस्सा नहीं हैं और ऐसे में युवराज, सुरेश रैना और कप्तान धोनी क्रम से चौथे, पांचवें और छठे नंबर पर बल्लेबाजी कर सकते हैं।

धोनी ने सिडनी में संकेत दिए थे कि मध्यक्रम के इन दो बल्लेबाजों का खेलना लगभग तय है। सही गेंदबाजी संयोजन चुनना हालांकि चुनौती हो सकता है। धोनी के पास पांच स्थान उपलब्ध हैं और उन्हें आर अश्विन, रविंद्र जडेजा, हरभजन सिंह, आशीष नेहरा, उमेश यादव, ऋषि धवन, गुरकीरत मान, जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पांड्या में से चुनना होगा। टीम फिलहाल युवाओं को आजमा रही है और आक्रामक आलराउंडर और फार्म में चल रहे पांड्या पर सभी की नजरें टिकी होंगी। लेकिन इस तरह के संकेत हैं कि उन्हें अपनी बारी के लिए अभी इंतजार करना होगा।

धोनी पदार्पण मैच में बुमराह के प्रदर्शन से खुश हैं विशेषकर डेथ ओवरों में उनकी गेंदबाजी से और इस तेज गेंदबाज को एक और मौका दे सकते हैं। उमेश यादव लय हासिल करने के लिए जूझ रहे हैं और उन्होंने काफी रन लुटाए हैं। ऋषि धवन को भुवनेश्वर कुमार के विकल्प के तौर पर रोका गया है। नेहरा ने सोमवार सुबह नेट पर पसीना बहाया और अगर अन्य सीनियर खिलाड़ियों के साथ वे वापसी करते हैं तो स्पिनरों के लिए दो स्थान बचेंगे। आस्ट्रेलिया के हालात में बल्लेबाजी और गेंदबाजी से ज्यादा जडेजा का मजबूत पक्ष क्षेत्ररक्षण है और उन्हें एक और मौका दिया जा सकता है। अश्विन को उम्मीद होगी कि वे हरभजन को पछाड़कर अंतिम उपलब्ध स्थान अपने नाम कर पाएंगे। धोनी भी उन्हें मौका दे सकते हैं क्योंकि उनके पास युवराज और रैना के रूप में भी विकल्प उपलब्ध हैं।

इस बीच भारत के खिलाफ शृंखला में पहली बार आस्ट्रेलियाई टीम अपनी अंतिम एकादश को लेकर सुनिश्चित नहीं है। टी20 प्रारूप में स्टीव स्मिथ की जगह आरोन फिंच कप्तानी करते नजर आएंगे और उन्हें कड़े फैसले करने पड़ सकते हैं। नाथन लियोन को मौका देना अहम होगा क्योंकि विश्व टी20 में स्पिन के अनुकूल हालात को देखते हुए चयनकर्ता उनका प्रदर्शन देखना चाहते हैं। लेग स्पिनर कैमरन बायस स्पिन में एक और विकल्प हैं। ग्लेन मैक्सवेल शृंखला के पहले मैच के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। ऐसे में क्रिस लिन को मौका मिल सकता है।

मैच भारतीय समयानुसार दोपहर दो बजकर आठ मिनट पर शुरू होगा।