MS Dhoni controversy: आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 का सफर शुरू हो गया मैच में टूटते बनते रिकॉर्ड्स जहां सुर्खियां बना रहे हैं वहीं, भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने के विकेटकीपिंग गलव्स को लेकर भी खूब सुर्खियां बन रही हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में धोनी द्वारा पैरा कमांडो का बलिदान बैज वाले गलव्स को लेकर विवाद हो गया है।ICC ने धोनी के इस गलव्स के इस्तेमाल को लेकर नाराजगी जताई और धोनी को बैज वाला ग्लव्स पहनने से मना किया है। बहरहाल ऐसा पहली बार नहीं है जब ऐसे मामले मैदान पर तूल पकड़ रहे हैं इससे पहले भी ऐसे कई वाकये सामने आए हैं जब मैदान पर खिलाड़ियों को देश के प्रति प्रेम या किसी तरह का विरोध प्रकट करने के लिए किए गए ऐसे काम को लेकर आईसीसी कड़ा रूख अख्तियार कर चुका है हम आपको बता रहें हैं कुछ ऐसे ही मामले…

फरवरी, साल 2003 : विश्व कप 2003 में एंडी फ्लावर और हेनरी ओलंगा जिम्बाब्वे के ओपनिंग मैच में मैदान पर काली पट्टी बांधकर उतरे थे। वह अपने देश के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे थे। इस मामले को लेकर आईसीसी ने दोनों पर कार्रवाई नहीं की थी हालांकि इन दोनों को ऐसा करने के लिए चेतावनी देकर छोड़ दिया था।

नवंबर, 2006 : साल 2006 में इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आई थी। तीसरा टेस्ट मैच राजकोट में खेला जा रहा था , एलिस्टर कुक के नेतृत्व वाली इस टीम ने प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि के तौर पर मैदान पर दो मिनट का मौन रखा था और अपनी जर्सी में पॉपी लगाकर उतरे थे, हालांकि इंग्लैंड की टीम ने यह काम आईसीसी से अनुमति लेकर किया था।

मार्च 2019: भारत दौरे पर आई ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ रांची वनडे में विराट कोहली के नेतृत्व वाली भारतीय टीम आर्मी कैप पहनकर मैदान पर उतरी थी। भारतीय टीम ने पुलवामा हमले में शहीद के जवानों के लिए ऐसा किया था। आईसीसी ने इस मसले पर भी विरोध नहीं जताया था, आईसीसी का कहना था कि बीसीसीआई ने अनुमति लेने के बाद ऐसा किया था।

2016, फीफा: 2016 में फीफा विश्व कप के वर्ल्ड क्वालिफायर के दौरान स्कॉटलैंड के खिलाफ मैच के खिलाफ इंग्लैंड पॉपी लगाकर उतरने की तैयारी में था लेकिन फीफा ने कार्रवाई करने की चेतावनी दी जिसके बाद इंग्लैंड की टीम ने ऐसा नहीं किया था। फीफा का नियम 4 के मुताबिक खिलाड़ियों के ड्रेस और अन्य साजोसामान पर किसी भी किस्म का राजनीतिक , धार्मिक और निजी संदेश प्रदर्शित करना अवैध है और ऐसा करने पर खिलाड़ियों पर कार्रवाई का प्रावधान है।