चेतेश्वर पुजारा को क्रिकेट जगत में दूसरा ‘द वॉल’ कहा जाता है। राहुल द्रविड़ के संन्यास लेने के बाद टेस्ट फॉर्मेट में उन्होंने तीसरे नंबर पर शानदार बल्लेबाजी की। वे भारत की कई सीरीज जीत में नायक रहे हैं। पुजारा का जन्म 25 जनवरी 1988 को राजकोट में हुआ था। उन्होंने कई बार धीमी बल्लेबाजी कर टीम की नैया को पार लगाया है। कई बार इस कारण उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है। पुजारा को एक बार चौका लगाने का कारण दर्शकों की नाराजगी का सामना करना पड़ा था।

पुजारा ने ऑकट्री स्पोर्ट्स यूट्यूब चैनल के लिए स्पोर्ट्स एंकर गौरव कपूर को दिए इंटरव्यू में इस बारे में खुलासा किया था। वह सचिन तेंदुलकर का आखिरी टेस्ट मैच था। मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था। गौरव ने कहा, ‘‘जब सचिन अपना लास्ट इनिंग खेलने वानखेड़े में उतरे। इस दौरान आपको लगा कि मैं एक भी गेंद खेल रहा हूं तो जनता कह रही है कि क्यों खेल रहे हो?’ इस पर पुजारा ने कहा, ‘‘हमारे दो विकेट गिर चुके थे। पाजी (सचिन तेंदुलकर) बल्लेबाजी करने के लिए उतरे। उन्होंने मुझसे कुछ कहा तो मैंने बोले पाजी क्या आप जोर से बोल सकते हैं। इस पर उन्होंने कहा फोकस बनाने पर ध्यान दो।’’

पुजारा ने आगे कहा, ‘‘वह उनका आखिरी मैच था। वे चाहते थे कि हम किसी भी हाल में वेस्टइंडीज को हराए। हमने आप काम किया। मैं जब चौका लगाता था कोई भी ताली नहीं बजा रहा था, लेकिन मैं जब सिंगल भी लेता था तो तालियां बजने लगती थीं। ऐसा लगता था कि मैंने चौका या छक्का लगाया हो। मैं उस पल को हमेशा याद रखता हूं। मैं उस समय भाग्यशाली था।’’

मैदान पर गुस्सा आने के सवाल पर पुजारा ने कहा, ‘‘एक बार एक सीजन मैं आउट दे दिया गया था। जबकि मैं आउट नहीं था। मैंने उसे स्वीकार किया, लेकिन उतना ही दुखी था। क्योंकि मैं शतक लगाने के लिए काफी मेहनत कर रहा था। उस समय डीआरएस नहीं था। मैंने कभी मैदान पर गुस्सा नहीं दिखाया। क्योंकि मैं जब क्रिकेट खेलता हूं तो काफी लोग देखते हैं। एक क्रिकेटर के तौर हमारी जिम्मेदारी है उन्हें सही चीजें दिखाई दें। अगर हम कुछ गलत करते हैं और नई पीढ़ी उसे देखकर अपनाती है तो यह गलत होगा।’’