टीम इंडिया के हेड कोच के रूप में अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में रवि शास्त्री ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) समेत दुनिया भर के क्रिकेट बोर्ड्स को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि पर्याप्त ब्रेक के बिना बॉयो-बुलबुले में खेलने से पैदा हो रही मानसिक थकान को लेकर जल्द हल नहीं निकाला गया तो इसका खेल पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। साथ ही क्रिकेटर्स अपने इंटरनेशनल कमिटमेंट्स से पीछे भी हट सकते हैं। शास्त्री की इस चेतावनी के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) हरकत में आया है।

अब चयनकर्ताओं द्वारा टीम चुनने से पहले बीसीसीआई अब खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट (कार्यभार प्रबंधन) का आकलन और फैसला करेगा। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, बीसीसीआई सचिव जय शाह के साथ टीम इंडिया के नए कोच राहुल द्रविड़ इस प्रक्रिया का हिस्सा होंगे। राहुल द्रविड़ इस महीने की शुरुआत में क्रिकेट सलाहकार समिति के सामने पेश हुए थे। उन्होंने तब ही खिलाड़ियों के थकान के मुद्दे पर ध्यान दिलाया था।

चयनकर्ता अब तक, खिलाड़ियों को एक सीरीज के लिए आराम देने के लिए कहते थे, लेकिन अब इसे आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2021 से टीम इंडिया की जल्द विदाई के प्रमुख कारणों में से एक के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि बीसीसीआई बॉयो-बबल्स में अधिक रहने के कारण खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को रोकना चाहता है।

बीसीसीआई के एक पदाधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘बीसीसीआई अब यह तय करेगा कि किस खिलाड़ी को आराम देने की जरूरत है। यह इस पर निर्भर करता है कि वह खिलाड़ी कितनी क्रिकेट खेल रहा है। हम थकान के मुद्दे से अवगत हैं। जिस खिलाड़ी को आराम दिया गया है, उसे टीम में अपनी जगह वापस मिलेगी, भले ही उसकी जगह रिप्लेस किए गए खिलाड़ी ने अच्छा प्रदर्शन किया हो।’

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इस प्रक्रिया के तहत टीम इंडिया के ट्रेनर टीम चयन से पहले द्रविड़ को खिलाड़ियों की फिटनेस रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके बाद द्रविड़ बीसीसीआई सचिव जय शाह के साथ आकलन और चर्चा करेंगे। सूत्रों ने यह भी कहा कि टेलीविजन प्रसारक को ध्यान में रखते हुए, सीरीज के लिए मैदान में उतारी गई टीमें दूसरी पंक्ति की टीम नहीं होंगी। उदाहरण के लिए, टी20 अंतरराष्ट्रीय में भारत के शीर्ष तीन, रोहित शर्मा, केएल राहुल और विराट कोहली को एक ही सीरीज के लिए एक साथ ब्रेक नहीं दिया गया।

निवर्तमान कोच रवि शास्त्री ने कहा था कि बॉयो-बबल जीवन खिलाड़ियों को थका सकता है और हाई-प्रेशर वाले मुकाबलों में प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। शास्त्री ने कोहली की खराब फॉर्म के लिए उनके लंबे समय तक बॉयो बबल में बने रहने को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा था, ‘मैं विराट की फॉर्म के बारे में ज्यादा नहीं सोचता। मुझे परवाह नहीं है कि खिलाड़ी कौन है। अगर आप डॉन ब्रैडमैन को भी बबल में डाल देंगे, तो उनका औसत नीचे आ जाएगा। आखिरकार, एक न एक दिन बुलबुला फट जाएगा।’

बता दें कि बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल ने बॉयो बबल थकान की शिकायत की थी। टी20 वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान के खिलाफ भारत के मैच से एक दिन पहले उन्हें यूएई से स्वदेश जाने की अनुमति दी गई थी। पटेल टूर्नामेंट के लिए स्टैंड-बाय थे।