आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय क्रिकेट मैच में जब भारत कल यहां खेलने उतरेगा तो शृंखला में बने रहने के लिए उसे हार हाल में यह मैच जीतना होगा। पहले दो मैचों में गेंदबाजों की नाकामी के बाद शृंखला में अब टीम की वापसी का पूरा दारोमदार बल्लेबाज पर होगा। पहले दोनों मैचों में 300 से ज्यादा रन बनाने के बावजूद हार का सामना करने वाली भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को यह स्वीकार करना पड़ा कि गेंदबाजों के नहीं चल पाने के कारण उनके बल्लेबाजों को अतिरिक्त जिम्मेदारी लेनी होगी। भारत के पास पांच मैचों की इस शृंखला में अपनी उम्मीद को कायम रखने का शायद रविवार को आखिरी मौका होगा। जिंबाब्वे में जीत के बाद भारत को पिछली दो शृंखलाओं में हार का सामना करना पड़ा है। बांग्लादेश ने अपनी धरती पर भारत को हराया वहीं दक्षिण अफ्रीका ने भारत को उसके घर में हराया और अब भारतीय टीम अगर रविवार का मैच हार जाती है तो लगातार तीसरी शृंखला में उसकी हार होगी।

निश्चित तौर पर यह धोनी के लिए अच्छी चीज नहीं है क्योंकि पिछले साल उनकी हर हार के बाद उनके नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए और यहां तक कहा गया कि टीम को उनके दौर से निकलने की जरूरत है। इसके बाद बीसीसीआइ ने स्थिति की समीक्षा की और 2016 के टी20 विश्वकप तक धोनी को सीमित ओवरों का कप्तान बनाए रखने की घोषणा की। धोनी जिंबाब्वे दौरे में शामिल नहीं थे और वापसी के बाद लगातार पराजय का मुंह देख रहे हैं। ऐसे में उन पर यह साबित करने का दबाव होगा कि अब भी उनमें पुराने रेकार्ड को दोहराने का दमखम है।

निश्चित तौर पर यह कहना जितना आसान है, करना उतना ही मुश्किल क्योंकि उनके गेंदबाजों ने अब तक अपने प्रदर्शन से निराश किया है। ब्रिसबेन में मैच के बाद उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि आस्ट्रेलिया में उनके बल्लेबाजों ने लगातार दो मैचों में 300 से ज्यादा रन बनाए। इसके बावजूद भी उन्हें इस तथ्य से अवगत रहना होगा कि अगर उनके गेंदबाज उस स्कोर को बचाने में कामयाब नहीं होते हैं तो उस स्कोर का वास्तव में कोई महत्त्व नहीं है। और सच तो ये है कि उनके गेंदबाज इस शृंखला में लगातार दो बार ऐसा करने में विफल रहे हैं।

ऐसे में अगर कप्तान अपने बल्लेबाजों को 330-340 रन बनाने के लिए कहते हैं तो यह मजाक नहीं है। रोहित शर्मा और विराट कोहली शानदार फार्म में नजर आ रहे हैं लेकिन उनको और जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है। पर्थ के मुकाबले ब्रिसबेन में उनके स्ट्राइक रेट में मामूली सुधार हुआ लेकिन आखिर के ओवरों में दोनों मैच में टीम तेज गति से रन जुटाने में विफल रही। अजिंक्य रहाणे ने खूबसूरत पारी खेली लेकिन यह भी अच्छे स्कोर तक ले जाने के लिए काफी नहीं था। धोनी ने नंबर चार के इस बल्लेबाज के प्रदर्शन की तारीफ की लेकिन बड़े शॉट लगाने की क्षमता की कमी का भी जिक्र किया।

यह तय नहीं किया जा सका है कि मनीष पांडेय ने अपनी भूमिका ठीक से निभाई है या नहीं और उनके चुनाव को लेकर धोनी को एक बार और सोचने की जरूरत है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या गुरकीरत मान को मौका देने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा? अनुभव की कमी को देखते हुए कहा जा सकता है कि जो काम पांडेय ने किया ठीक वही काम वह भी करेंगे लेकिन वे कुछ ओवरों की गेंदबाजी भी कर सकते हैं और ऐसे में पांचों नियमित गेंदबाजों का भार कुछ कम होगा। ऐसे में सवाल यही है कि क्या भारत के लिए सबसे उपयुक्त बल्लेबाजी क्रम यही है।

धोनी ने ऋषि धवन को अंतिम एकादश में शामिल करने के विचार को एक बार फिर नकार दिया। वहीं शिखर धवन का मौजूदा फार्म सबके लिए चिंता का विषय बना हुआ है। बाएं हाथ के इस सलामी बल्लेबाज के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी से टीम प्रबंधन और कप्तान धोनी की चिंताएं बढ़ गई हैं। उनके खराब फार्म को टीम प्रबंधन ने अब तक उनके बड़े शॉट खेलने की क्षमता के कारण नजरंदाज किया हुआ है और पर अब वे कभी-कभार ही अपने उस जौहर को दिखाते हैं। पिछले वर्ष विश्व कप के दौरान हेमिल्टन में आयरलैंड के खिलाफ शतक के बाद पिछले 13 मैचों में वे एक भी शतक नहीं बना पाए हैं।

उपमहाद्वीप में पिछले आठ मैचों में उन्होंने 79.91 के स्ट्राइक रेट और महज 29.07 के औसत से रन बनाए हैं। इस आंकड़े को किसी भी लिहाज से एक शीर्ष क्रम बल्लेबाज के प्रदर्शन के लिए ठीक नहीं कहा जा सकता। हालांकि धवन को अंतिम एकादश से बाहर किए जाने के बाद कुछ हद तक समस्या का समाधान नजर आता है। उनको बाहर किए जाने की स्थिति में रहाणे को सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतारा जा सकता है और आइपीएल में बतौर सलामी बल्लेबाज उन्होंने खुद को साबित भी किया है। वहीं मध्यक्रम में पांडेय और मान दोनों को शामिल किया जा सकता है जिससे टीम को एक अतिरिक्त आलराउंडर मिल जाएगा। अगर ऐसा होता है तो यह बड़ा बदलाव होगा लेकिन निर्णायक मुकाबले में इस तरह के किसी परिवर्तन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। दूसरी ओर आस्ट्रेलिया की स्थिति बहुत मजबूत है और वह रविवार का मैच जीतकर शृंखला को अपने पक्ष में करना चाहेगी।