चीन के हांगझू में होने वाले एशियन गेम्स भारतीय निशानेबाजों के लिए काफी अहम हैं। टोक्यो ओलंपिक के बाद यह पहला मल्टी इवेंट हैं जहां भारतीय निशानेबाज हिस्सा लेंगे, क्योंकि 2022 बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग को शामिल नहीं किया गया था। टोक्यो ओलंपिक में मिली निराशा के बाद भारतीय निशानेबाज मेहुली घोष को भरोसा है कि पेरिस में स्थिति अलग होगी और इसका सबूत एशियन गेम्स में मिलेगा।

मेहुली घोष ने 2023 बाकू विश्व चैंपियनशिप में 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। एशियन गेम्स की सेंड ऑफ सेरेमनी के दौरान मेहुली ने जनसत्ता.कॉम से एशियन गेम्स को लेकर शूटर्स की तैयारियों के बारे में बात की।

पेरिस में बेहतर होगा भारतीय निशानेबाजों का प्रदर्शन

टोक्यो ओलंपिक में भारत ने अपना सबसे बड़ा दल शूटिंग से भेजा था, लेकिन सौरभ चौधरी को छोड़कर कोई फाइनल में भी नहीं पहुंच पाया। इसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी। इसी वजह से एशियन गेम्स में निशानेबाजों पर खास नजर रहने वाली है। मेहुली का मानना है कि वह और बाकी खिलाड़ी खुद को साबित करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘एशियन गेम्स हमारे लिए बड़ा मौका है। टोक्यो ओलंपिक हमारे लिए काफी निराशाजनक रहा था, लेकिन इस बार चीजें अलग होंगी। अगर हम देखें तो अब हमारा प्रदर्शन बेहतर हुआ है। हम जो स्कोर अब ला रहे हैं वह बहुत अच्छे हैं। हमारा औसतन स्कोर और रैंकिंग दोनों बहुत अच्छी हैं। यह 2018 से भी बेहतर है। इसी कारण हम पेरिस ओलंपिक में ज्यादा मेडल लाने की अभी से उम्मीद कर सकते हैं।’

बिना कोच के तैयारी कर रहे हैं खिलाड़ी

राइफल शूटर्स एशियाई खेलों के लिए बिना नेशनल कोच के तैयारी कर रहे हैं। नेशनल कोच जॉयदीप करमाकर के जाने के सवाल पर मेहुली ने कहा, ‘कोच के जाने या बदलने का हर खिलाड़ी के ऊपर अलग असर होता है। यह इस पर निर्भर करता है कि कौन इसे कैसे ले रहा है। थोड़ा असर तो होता है, क्योंकि एक शख्स टीम को तैयार कर रहा होता है। हालंकि अगर निशानेबाजों को पहले से इसके बारे में पता होता है तो वे इसके लिए तैयारी कर लेते हैं। अगर शूटिंग टीम गेम होता तो शायद परेशानी होती, लेकिन यह व्यक्तिगत स्पर्धा है।’

नई सेलेक्शन पॉलिसी के कारण बदले तैयारी के प्लान

नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इसी साल अपनी सेलेक्शन पॉलिसी को बदला है। नई पॉलिसी के मुताबिक, ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों के चयन में ट्रायल्स का भी अहम योगदान है। उन्होंने कहा, ‘नई सेलेक्शन पॉलिसी बेहतर है या नहीं, यह हम नहीं बता सकते। पहले से काफी कुछ अलग होता है। मैं ओलंपिक कोटा लेकर आई हूं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मैं ही जाऊंगी। आखिरी समय तक हमारे ट्रायल्स होते रहेंगे। मुझे लगता है कि यह सही है, क्योंकि कब कौन फॉर्म में आएगा है यह पहले से पता नहीं होता।’

उन्होंने आगे कहा, ‘हर निशानेबाज जानता है कि वह पूरे साल एक जैसा प्रदर्शन नहीं कर सकता। वह अपना सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं दिखा सकता। अब यह बहुत अहम हो गया है कि हम कितने इवेंट्स में हिस्सा लेते हैं, हमारी रिकवरी कैसी है। अब हमें यह देखना है कि हमारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कब आता है। यह मुश्किल हैं लेकिन अब जो है वह है।’