एशिया कप में शाहीन शाह अफरीदी, नसीम शाह और हारिस रऊफ जैसे गेंदबाजों से लैस पाकिस्तानी गेंदबाजी आक्रमण छाया हुआ है। इनका प्रदर्शन ऐसा है कि बाबर आजम की अगुआई वाली टीम को एशिया कप ही नहीं वर्ल्ड कप का भी प्रबल दावेदार बताया जा रहा है। अब सवाल यह है कि क्या इस बॉलिंग लाइन अप के खिलाफ 300 से ज्यादा का स्कोर हो सकता है? क्या इस गेंदबाजी लाइन अप में कोई कमजोर कड़ी है, तो इसका जवाब एशिया कप के मुकाबले और पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच सीरीज से पता लगाने की कोशिश करेंगे।

इस पाकिस्तान गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ 300 से ज्यादा का स्कोर बना है। अफगानिस्तान ने एशिया कप से पहले श्रीलंका में ही खेली गई 3 मैच की वनडे सीरीज में ऐसा किया था। सीरीज के दूसरे मैच में टीम ने 300 रन का स्कोर खड़ा कर दिया था। पाकिस्तानी गेंदबाज 39.5 ओवर तक विकेट ही नहीं ले पाए थे। यानी शुरुआत में विकेट न दी जाए तो इस अटैक के खिलाफ रन बनाने में दिक्कत नहीं है।

66 रन पर 4 विकेट गंवाने के बाद टीम इंडिया 266 के स्कोर तक पहुंची

एशिया कप में भारत के खिलाफ मैच की बात करें तो टीम इंडिया ने 14.1 ओवर में 4 विकेट गंवा दिए थे। तब टीम का स्कोर 66 रन था। रन रेट की बात करें तो 4.50 के करीब का। 66 रन पर 4 विकेट गंवाने के बाद टीम इंडिया 266 के स्कोर तक पहुंच गई। वह भी तब जब हार्दिक पंड्या और इशान किशन के अलावा कोई भी बल्लेबाज 20 का आंकड़ा नहीं छू पाया। एक्स्ट्रा से 20 रन आए। ये 266 रन 48.5 ओवर में बने थे। यानी टीम इंडिया पूरे 50 ओवर खेलती तो 275 तक पहुंच सकती थी।

केवल पाकिस्तानी तेज गेंदबाज ले रहे विकेट

अब बांग्लादेश के खिलाफ मैच की बात करें तो 9.1 ओवर में 47 रन पर 4 विकेट गंवाने के बाद शाकिब अल हसन की टीम 193 तक पहुंची। 9 ओवर तक टीम ने 5 के रन रेट से स्कोर किया था। शाकिब और मुशफिकुर रहीम के अलावा कोई बल्लेबाज नहीं चला। शाकिब के 30वें ओवर में आउट होने के बाद बांग्लादेश की टीम भरभरा गई। भारत के खिलाफ पाकिस्तानी तेज गेंदबाजों ने 10 तो बांग्लादेश के खिलाफ 9 विकेट लिए। यानी पाकिस्तानी स्पिनर्स को विकेट ही नहीं मिले। यही कारण है कि पाकिस्तानी गेंदबाजी आक्रमण में मोहम्मद नवाज की जगह फहीम अशरफ को टीम में शामिल किया गया, जो फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर हैं।

शाहीन, नसीम और हारिस ने छोटे स्पेल में गेंदबाजी की

टीम इंडिया ने 4 विकेट जल्दी गंवा दिए थे तो यह सवाल हुआ कि बाबर आजम ने शाहीन, नसीम और हारिस से गेंदबाजी जारी क्यों नहीं रखी। बांग्लादेश के खिलाफ भी यही रणनीति अपनाई गई। तीनों को लंबा स्पेल नहीं दिया गया। श्रीलंका में जिस तरह का उमस भरा मौसम होता है उसमें लंबा स्पेल करना आसान नहीं है। खासकर 140 किलोमीटर प्रतिघंटे से ज्यादा की रफ्तार से गेंद करने वाले गेंदबाजों को इंजरी की समस्या हो सकती है। हो सकता है इसी वजह से तीनों का लंबा इस्तेमाल न किया गया हो।

पाकिस्तानी गेंदबाजी आक्रमण की कमजोर कड़ी शादाब खान

शाहीन अफरीदी, नसीम शाह और हारिस रऊफ के आगे शादाब खान और 5वें गेंदबाज की कमी पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। भारत और बांग्लादेश के खिलाफ पाकिस्तान के मैच की बात करें तो मिडिल ओवर्स में पाकिस्तानी गेंदबाज विकेट नहीं निकाल पा रहे। पाकिस्तानी गेंदबाजी आक्रमण की कमजोर कड़ी शादाब खान हैं, जिन्होंने पिछले 2 मैच में विकेट ही नहीं लिए हैं।

मिडिल ओवर्स में सूखा

भारत के खिलाफ मैच में पाकिस्तानी गेंदबाज 14.1 के बाद से 37.3 ओवर तक विकेट नहीं ले पाए। मतलब 140 गेंद (23.3 ओवर) तक पाकिस्तान को विकेट ही नहीं मिला। बांग्लादेश के खिलाफ मैच में उन्होंने 9.1 ओवर से 29.1 ओवर तक विकेट नहीं लिया यानी उन्हें विकेट के लिए 120 गेंद (20 ओवर) का इंतजार करना पड़ा।

पाकिस्तानी गेंदबाजी आक्रमण 20 ओवर संघर्ष करता है

साफ है कि शाहीन, नसीम और हारिस के हटने के बाद पाकिस्तानी गेंदबाजी आक्रमण करीब 20 ओवर तक संघर्ष करता है। इस दौरान विपक्षी टीम की बल्लेबाजी अच्छी हो तो आराम से बड़ा स्कोर खड़ा हो सकता है। पाकिस्तानी पेसर्स जिस मैच में अच्छी शुरुआत दिलाने में असफल रहे उस मैच में विरोधी टीम बड़ा स्कोर खड़ा कर देगी। 300 का स्कोर पार होना उस दिन तय है। मतलब विरोधी टीम को पहले 10 ओवर में ज्यादा विकेट नहीं देना है। इसके बाद पाकिसितान की टीम बैकफुट पर होगी।