आईपीएल की डिफेंडिंग चैंपियन गुजरात टाइटंस इस साल भी चैंपियन बनने की प्रबल दावेदार है। गुजरात पिछले साल ही आईपीएल में आई थी और पहले ही सीजन में खिताब अपने नाम कर लिया था। इस उपलब्धि का सबसे ज्यादा श्रेय टीम के कप्तान हार्दिक पांड्या को गया था। हार्दिक के साथ-साथ टीम के हेड कोच आशीष नेहरा को भी चैंपियन बनने का क्रेडिट दिया गया था। गुजरात को आईपीएल का खिताब दिलाने के बाद ही हार्दिक पांड्या को भारतीय टीम की कप्तानी करने का भी मौका मिला है। हार्दिक में कप्तानी करने की काबिलियत को आशीष नेहरा ने परखा था।

हार्दिक को फोन पर मिली थी कप्तान बनने की जानकारी

गुजरात टाइटंस के पॉडकास्ट शो के पहले एपिसोड में आशीष नेहरा ने बताया है कि हार्दिक पांड्या को कप्तान बनने की जानकारी उन्होंने ही फोन कर दी थी। नेहरा ने कहा है कि मैंने ही फोन पर हार्दिक को बताया था कि वह टीम के कप्तान बनने जा रहे हैं और वह कप्तानी करने के लिए तैयार भी थे। नेहरा ने कहा कि कप्तानी को लेकर हार्दिक पांड्या काफी एक्साइटेड थे और उन जैसे व्यक्ति में अगर इस तरह की इच्छा होती है तो आसमान जितनी ऊंचाई तक जा सकता है।

हार्दिक में अहंकार नहीं था- नेहरा

गुजरात टाइटंस पॉडकास्ट के इस शो को होस्ट कर रहे गौरव कपूर ने आशीष नेहरा से पूछा कि पांड्या को कप्तान बनाने के लिए किसने प्रेरित किया था और उनके इस फैसले के पीछे क्या कारण था? गौरव कपूर के इस सवाल का जवाब देते हुए नेहरा ने कहा कि हम इस बात को जानते थे कि पांड्या ने कप्तान की है और उनके अंदर लीडरशिप क्वालिटी है। हम इस बात को भी जानते थे कि वो हमेशा प्लेइंग इलेवन में बने रहेंगे। नेहरा ने बताया कि पांड्या टीम इंडिया के पूर्व कोच गैर कर्स्टन और विक्रम सोलंकी से बातचीत के लिए भी तैयार थे, सबसे खास बात उस खिलाड़ी के अंदर अहंकार नहीं था।

आशीष नेहरा ने आगे कहा है कि जब हार्दिक पांड्या को कप्तान नियुक्त किया जा रहा था तो उन्हें सबसे ज्यादा चिंता उनकी फिटनेस की थी, क्योंकि उस वक्त पांड्या चोट से रिकवर हुए थे, इसलिए कप्तानी लेना खुद उनके लिए चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उन्होंने बिना घबराए अपनी जिम्मेदारी को निभाया। नेहरा ने बताया कि जब मैं अपने करियर के आखिरी मैच खेल रहा था तो उस वक्त हार्दिक ने टीम इंडिया के लिए खेलना शुरू किया था। मैं हार्दिक को तभी से जानता हूं और उनके साथ अच्छा रिश्ता है।