इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) में चयन न होने के कारण मुंबई के युवा गेंदबाज करण तिवारी ने आत्महत्या कर ली। 27 साल के करण तिवारी साथियों के बीच ‘जूनियर डेल स्टेन’ के नाम से जाने जाते थे। करण की शारीरिक बनावट और बॉलिंग एक्शन के कारण उनके दोस्त और जानने वाले उन्हें ‘जूनियर डेल स्टेन’ बुलाते थे। करण का भी सपना डेन स्टेन जैसा तेज गेंदबाज बनने का था, लेकिन अब यह सिर्फ सपना ही रह गया। पुलिस उनके आत्महत्या का कारण जानने में जुटी है।

हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि करण आईपीएल में खेलने का मौका नहीं मिलने के कारण परेशान थे। उन्होंने एक करीबी मित्र से इस संबंध में अपनी निराशा जाहिर भी की थी। करण ने उस मित्र से कहा था कि वह आईपीएल में खेलने का मौका नहीं मिलने से बहुत दुखी है। वह आत्महत्या कर लेगा। इस संबंध में उस दोस्त ने करण की बहन को बताया भी था। बहन ने अपनी मां को यह बात बताई थी। लेकिन वे कुछ कर पाते इससे पहले ही करण ने आत्महत्या कर ली।

सोमवार रात 10 बजे घरवालों ने करण के बेडरूम का दरवाजा तोड़ा तो देखा कि उसने छत के पंखे के फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। करण पिछले दो साल से लगातार मुंबई की रणजी टीम के खिलाड़ियों को नेट प्रैक्टिस कराया करते थे। उन्होंने आईपीएल के दौरान वानखेड़े स्टेडियम में भी कई टीमों के खिलाड़ियों के खिलाफ नेट प्रैक्टिस में गेंदबाजी की थी।

उसके एक करीबी दोस्त ने बताया कि वह पिछले कई दिनों से काफी परेशान था। उसने कहा था कि वह सुसाइड कर लेगा। इस बारे में मैंने उसकी बहन को भी बताया। करण की बहन ने यह बात अपनी मां को बताई और सोमवार को वह लोग उसके पास गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। करण के बेडरूम का दरवाजा तोड़ा तो वह पंखे से लटका हुआ मिला।

खबरों की मानें तो लगातार मेहनत करने के बावजूद वह टीम में चुना नहीं जा पा रहा था। इससे वह काफी निराश और परेशान रहने लगा था। आईपीएल के नियमों के कारण भी उसको काफी दिक्कत हो रही थी। आईपीएल नीलामी में शामिल होने के लिए खिलाड़ी को स्टेट टीम की तरफ से किसी भी श्रेणी में खेला हुआ होना जरूरी है।

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करण के दोस्त ने बताया, उसे पूरी उम्मीद थी कि राज्य टीम में उसे मौका मिल जाएगा। इसके लिए उसने कुछ लोगों से बातचीत भी की थी, किंतु ऐसा नहीं हुआ। वह काफी होनहार खिलाड़ी था। करण ने अपने लास्ट व्हाट्सएप स्टेटस में भी अपनी गेंदबाजी के वीडियो अपलोड किए थे।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, करण बहुत परेशान था। उसके पास कोई नौकरी भी नहीं थी। वह सोवनियर क्रिकेट क्लब और यूनाइटेड फ्रेंड क्रिकेट क्लब के लिए खेलता था। हाल ही में उसने लेवल-1 कोचिंग भी पूरी की थी।