देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी कैग (CAG) फिर सुर्खियों में हैं। CAG ने मोदी सरकार की फ्लैगशिप योजना आयुष्मान भारत से लेकर द्वारका एक्सप्रेसवे निर्माण में गड़बड़ियों का खुलासा किया है। कैग की रिपोर्ट के बाद विपक्षी दल, मोदी सरकार पर हमलावर हैं। 13 साल पहले जब कैग ने टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित घोटाले का खुलासा किया था, तब सियासी भूचाल आ गया था। कांग्रेस सरकार बुरी तरह घिर गई थी।
2014 के लोकसभा चुनाव में टू-जी बड़ा मुद्दा बना और डॉ. मनमोहन सिंह की कुर्सी तक चली गई। तब विनोद राय देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक हुआ करते थे। अब गिरीश चंद्र मुर्मू (Girish Chandra Murmu) कैग की कुर्सी पर हैं। जानते हैं कहानी CAG गिरीश चंद्र मुर्मू की…
PM मोदी से पुरानी पहचान, 2014 में आए दिल्ली
महज 26 साल की उम्र में IAS बनने वाले गिरीश चंद्र मुर्मू की गिनती देश के तेज-तर्रार नौकरशाह में होती है। मुर्मू की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरानी पहचान है। जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, तब मुर्मू उनके ओसडी थे और बाद में सीएम ऑफिस में प्रिंसिपल सेक्रेटरी भी बने। 2014 में जब केंद्र में बीजेपी की सरकार आई और नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने, तब मुर्मू भी दिल्ली आ गए। यहां उन्होंने व्यय विभाग के सचिव से लेकर वित्तीय सेवा विभाग और राजस्व विभाग में विशेष और अतिरिक्त सचिव जैसे अहम पदों पर काम किया।
जम्मू-कश्मीर के पहले उप-राज्यपाल बने
साल 2019 में जब जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया गया और केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया, तब मुर्मू को वहां पहला उप-राज्यपाल नियुक्त किया गया। तकरीबन साल भर उप-राज्यपाल की कुर्सी संभालने के बाद वह वापस दिल्ली आ गए। 8 अगस्त 2020 को उन्हें भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक नियुक्त किया गया।
सूफी संगीत के शौकीन, कभी मिस नहीं करते जिम
गिरीश चंद्र मुर्मू की पत्नी स्मिता मुर्मू डॉक्टर हैं। उनके दो बच्चे, बेटी रुचिका मुर्मू और बेटा रूहान मुर्मू हैं। खाली समय में क्लासिकल और सूफी संगीत सुनने के शौकीन मुर्मू प्रशासनिक और आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं।
कैग की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक मुर्मू खाली वक्त में फोटोग्राफी और स्केचिंग भी करते हैं। साथ ही वह फिटनेस के शौकीन भी हैं और कभी भी जिम मिस नहीं करते।
1985 बैच के आईएएस अफसर गिरीश चंद्र मुर्मू उड़ीसा कैडर के हैं और मूल रूप से भी उड़ीसा के ही रहने वाले हैं। मयूरभंज जिले में 21 नवंबर 1959 को जन्मे मुर्मू की शुरुआती पढ़ाई लिखाई यहीं हुई। उत्कल यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन के बाद इंग्लैंड चले गए। वहां बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से एमबीए किया।
अब बात कैग की ताजा रिपोर्ट की…
1- द्वारका एक्सप्रेस-वे: CAG ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए कैबिनेट कमेटी ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) की तरफ से 18.20 करोड़ रुपए प्रति किमी. के बजट को मंजूरी मिली थी, लेकिन NHAI ने इसका कुल बजट बढ़ाकर 7287.29 करोड़ रुपये कर दिया। इससे 250.77 करोड़ रुपये प्रति किमी का खर्च आया।
2- आयुष्मान भारत: कैग ने आयुष्मान भारत योजना में कई तरह की गड़बड़ियों का खुलासा किया है। कैग के मुताबिक इस योजना के तहत 3,446 ऐसे मरीजों के इलाज पर कुल 6.97 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया, जिनका निधन हो चुका है। डेटाबेस में इन मरीजों को मृत दिखाया गया है।
इसी तरह, तीन मोबाइल नंबरों पर क्रमश: 7.5 लाख, 140000 और 96000 लोग पंजीकृत थे। जिसमें 43 हजार से अधिक ऐसे परिवार हैं, जिनमें सदस्यों की संख्या 11 से लेकर 200 तक है। 6 राज्यों में एक लाख से ऊपर पेंशनभोगी भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
3- अयोध्या विकास परियोजना: CAG ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत अयोध्या विकास परियोजना के कार्यान्वयन में ठेकेदारों को अनुचित लाभ सहित कई अनियमितताएं पाई हैं। कैग के मुताबिक 6 परियोजनाओं में ठेकेदारों को 19.73 करोड़ का अनुचित लाभ दिया गया। इसके अलावा ठेकेदारों ने निर्धारित परफॉर्मेंस गारंटी शुल्क भी पूरा नहीं जमा कराया।