करीब 3 साल पहले 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35A को खत्म किया गया था। सरकार ने दावा किया था कि इस कदम से घाटी में आतंकवाद पर लगाम लगेगी। केंद्र सरकार ने बकायदा ‘एक देश, एक विधान, एक निशान का सपना साकार’ शीर्षक से बुकलेट जारी कर धारा 370 खत्म होने का फायदा गिनवाया था। बुकलेट में प्रधानमंत्री के हवाले से लिखा था, कश्मीर शांति और विकास के मार्ग पर बढ़ रहा है।

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क्या है शांति की सच्चाई?

संसद में पेश सरकार के आंकड़ों से ही पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर लगातार आतंकी हमलों का शिकार हो रहा है। साल 2020 में 244 आतंकी घटनाएं हुईं, जिसमें 62 जवान और 37 आम नागरिकों की जान गई। इन हमलों में सुरक्षा बल के जवानों से अधिक स्थानीय नागरिक घायल हुए। 2020 के आतंकी हमलों में घायल जवानों की संख्या 106 और नागरिकों की संख्या 112 थी। पिछले साल यानी 2021 में जम्मू-कश्मीर के भीतर 229 आतंकी घटनाएं हुईं, जिसमें 42 जवान और 41 आम नागरिकों की जान गई। इस दौरान 117 जवान और 75 आम नागरिक घायल हुए।  

अभी भी मुख्यधारा से दूर जम्मू-कश्मीर?

धारा 370 को बाधा बताते हुए केंद्र सरकार ने अपने बुकलेट में लिखा है, ”जम्मू-कश्मीर के साथ भारत के अन्य राज्यों से अलग व्यवहार किया जाता था। इसकी वजह से इस राज्य की मुख्यधारा से दूरी थी।” सरकार का दावा है कि धारा 370 हटाने से जम्मू-कश्मीर मुख्यधारा से जुड़ा है। जबकि संसद में पेश आंकड़े बताते हैं कि यह दावा सही नहीं है।

साल 2020 में जम्मू-कश्मीर के भीतर 244 आतंकी घटनाएं हुईं, लेकिन इसी साल देश के दूसरे किसी हिस्से में कोई आतंकी घटना नहीं हुई। न किसी जवान की जान गई, न ही आम नागरिक आतंकवाद का शिकार हुआ। साल 2021 में कश्मीर ने 229 आतंकी हमले झेलें, वहीं देश के अन्य राज्यों में सिर्फ 1 आतंकी घटना हुई, जिसमें किसी की जान नहीं गई।

सरकार का प्रयास

संसद में ए गणेशमूर्ति के सवाल का जवाब देते हुए 19 जुलाई को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार आया है। आतंकवादी हमलों की संख्या में काफी गिरावट आई है। 2018 में 417 घटनाएं हुई थी, जो 2021 में घटकर 229 हो गई हैं।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने आगे बताया कि सरकार ने कश्मीर घाटी में स्थिति सामान्य करने के लिए कई उपाय किए हैं। इनमें मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड, आतंकवादियों के खिलाफ सक्रिय अभियान, रात में गहन गश्त और नाका पर जांच, उचित तैनाती के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था और सुरक्षा बलों द्वारा उच्च स्तर की सतर्कता शामिल है।

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First published on: 22-07-2022 at 12:36 IST