हाल ही में 18वीं लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपना पहला भाषण दिया। उसके अगले दिन ही पीएम मोदी ने भी लोकसभा और राज्यसभा दोनों में भाषण दिया। इस दौरान एक अलग ही नजारा देखने को मिला जब केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू सदन में नंगे पैर चलते नजर आए।
राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो घंटे लंबे भाषण के दौरान, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को गृहमंत्री अमित शाह और एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल और जेडी (यू) के ललन सिंह सहित एनडीए के अपने प्रमुख सहयोगियों के पास तेजी से जाते देखा गया।
दरअसल, ललन सिंह बोलने की अनुमति नहीं दिए जाने की विपक्ष के आरोपों का मुकाबला करने की रणनीति पर चर्चा करने के लिए सामने आए थे। पर जिस बात ने इस दौरान सभी का ध्यान खींचा वह था रिजिजू का नेताओं के साथ बातचीत के लिए संसद के हॉल में नंगे पैर चलना।
विपक्ष का वॉक आउट
दरअसल, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम मोदी के संबोधन के दौरान बोलने का मौका नहीं दिए जाने के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली इंडिया गठबंधन की पार्टियां संसद के उच्च सदन से बाहर चली गईं थीं। राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने उनके वाकआउट की निंदा करते हुए कहा था कि यह संविधान का अपमान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को अपने संबोधन के दौरान राज्यसभा से वॉकआउट करने पर विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ”वे भाग रहे हैं क्योंकि वे सच नहीं सुन सकते।”

पीएम ने सदन में गलत बातें बताईं- खड़गे
इस बीच, सदन से बाहर निकलने के बाद मीडिया से बात करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर अपने भाषण में झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा, ”हम बाहर चले गए क्योंकि पीएम राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सदन को संबोधित कर रहे थे और उन्होंने सदन को कुछ गलत बातें बताईं। झूठ बोलना और सच्चाई से परे बातें कहना उनकी आदत है।”
खड़गे ने आगे कहा, “मैंने अभी उनसे पूछा है कि जब वे संविधान की बात कर रहे थे तो संविधान आपने नहीं बनाया, आप लोग उसके विरोध में थे। मैं सिर्फ यह स्पष्ट कर रहा था कि कौन लोग संविधान के पक्ष में और कौन विरोधी थे। उन्होंने (आरएसएस) संविधान का विरोध किया है। उन्होंने बीआर अंबेडकर और पंडित नेहरू का पुतला जलाया है।”

मणिपुर पर क्या बोले पीएम मोदी
वहीं, पीएम मोदी ने राज्यसभा में मणिपुर संकट पर भी सरकार का पक्ष रखा। विपक्ष द्वारा सरकार पर लगातार अटैक के बीच पीएम मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि उनकी सरकार राज्य में शांति बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री ने उच्च सदन को बताया कि मणिपुर में अब तक 11,000 FIR दर्ज की गई हैं और 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने आगे कहा, “मणिपुर में हालात को स्थिर करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। पिछली सरकारों के दौरान ऐसा नहीं हुआ कि केंद्रीय गृह मंत्री कई दिनों तक वहां रुके हों। गृह राज्य मंत्री कई हफ्तों तक वहां रहे और हितधारकों के साथ बातचीत की।”
कांग्रेस का प्रधानमंत्री पर हमला
राज्यसभा में मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर कांग्रेस ने कहा कि उन्होंने दावा किया है कि वहां स्थिति सामान्य है जबकि हकीकत में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है। कांग्रेस ने कहा कि पिछले साल मई में हिंसा भड़कने के बाद से पीएम ने अभी तक राज्य का दौरा नहीं किया है।
वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “आज राज्यसभा में, इस मुद्दे पर महीनों की चुप्पी के बाद नॉन बायोलॉजिकल पीएम ने आश्चर्यजनक दावा किया कि मणिपुर में स्थिति सामान्य है। वास्तव में, स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है जैसा कि इनर मणिपुर के सांसद ने 1 जुलाई को लोकसभा में बताया था। नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने 3 मई, 2023 की रात को भड़कने के बाद से अभी तक मणिपुर का दौरा नहीं किया है, न ही उन्होंने राज्य के राजनीतिक नेताओं से मुलाकात की है, राष्ट्रपति के का अभिभाषण में भी इस मुद्दे पर कुछ नहीं था।”
विपक्ष और सत्तापक्ष के नेताओं के बीच गर्मजोशी
वहीं, दूसरी ओर संसद के अंदर विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक के उलट बाहर गर्मजोशी और सौहार्द था। कृषि भवन में जब कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन से मिलने आए तो ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने गलियारे में उनका स्वागत किया। पासवान ने सुरेश से अपने कार्यालय का एक चक्कर लगाने का भी अनुरोध किया, जो उन्होंने किया भी। उसके बाद, पासवान ने सुरेश को पास के कुरियन के कमरे तक पहुंचाया भी।