NCP प्रमुख अजित पवार ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनाव (Civic Polls) स्वतंत्र रूप से लड़ेगी। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गयी हैं कि बीजेपी-एनसीपी गठबंधन संकट में है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने भी बुधवार को राज्य में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को लेकर बड़ा दावा किया था। एनसीपी (एसपी) के प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी शायद डिप्टी सीएम अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को गठबंधन छोड़ने के लिए कह रही है।

वहीं, एनसीपी की पुणे इकाई को संबोधित करते हुए निकाय चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान करते हुए अजित पवार ने कहा, ”हमने लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा और विधानसभा चुनाव भी गठबंधन में लड़ेंगे। मैं घोषणा करना चाहता हूं कि पार्टी स्वतंत्र रूप से निकाय चुनाव लड़ेगी।” उन्होंने कहा कि एनसीपी अपनी ताकत के दम पर निकाय चुनाव लड़ेगी, इसलिए स्थानीय नेताओं और कैडर को अपने-अपने क्षेत्र में पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए।”

हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद अजित पवार के सामने नवंबर 2024 में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी राजनीतिक क्षमता साबित करने की चुनौती है।

एनसीपी के स्थानीय नेता पार्टी छोड़कर शरद पवार गुट में शामिल

पिंपरी चिंचवाड़ में एनसीपी के स्थानीय नेता पार्टी छोड़कर शरद पवार गुट में शामिल हो गए। पिंपरी-चिंचवाड़ की एनसीपी इकाई के अध्यक्ष और तीन अन्य नेताओं ने अजित पवार का साथ छोड़ दिया है। इससे पहले पिछले महीने ही शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार ने दावा किया था कि अजित पवार के खेमे के कई विधायकों ने उनसे संपर्क किया है।

एनसीपी की पुणे इकाई के प्रमुख दीपक मानकर ने स्थानीय नेताओं के पार्टी छोड़ने की अटकलों से इनकार किया। उन्होंने यह भी कहा कि जब राज्य और केंद्र में एक ही गठबंधन की सरकार होगी तो राज्य में और अधिक विकास होगा।

क्या छगन भुजबल भी छोड़ देंगे अजित पवार का साथ?

हाल ही में एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के मुखिया शरद पवार से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या छगन भुजबल जैसे वरिष्ठ नेता भी अजित पवार का साथ छोड़ सकते हैं? हालांकि, अटकलों पर लगाम लगाते हुए छगन भुजबल ने कहा था कि वह आरक्षण को लेकर मराठा और ओबीसी समुदायों के बीच हो रहे संघर्ष के सिलसिले में शरद पवार से मिलने गए थे।

RSS की मैगजीन में भी NCP पर साधा गया था निशाना

हाल ही में संघ से जुड़े मराठी साप्ताहिक के लेख में कहा गया था कि भाजपा के कार्यकर्ताओं को एनसीपी से हाथ मिलाना पसंद नहीं आया। मराठी पत्रिका विवेक की स्टोरी “कार्यकर्ता हतोत्साहित नहीं है, बल्कि भ्रमित है” में लिखा गया, “प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता जो लोकसभा चुनावों में विफलता के कारणों और महाराष्ट्र में पार्टी में खलबली के बारे में बता रहा है वह एनसीपी के साथ गठबंधन से शुरू होता है। साफ है कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं को एनसीपी से हाथ मिलाना रास नहीं आया है। ये बात बीजेपी नेता भी जानते हैं।”

आरएसएस से संबद्ध साप्ताहिक “विवेक” ने लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में भाजपा के खराब प्रदर्शन के लिए एनसीपी के साथ गठबंधन को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा था कि चुनाव के बाद का कोई भी डेटा इस दावे का समर्थन नहीं करता है और कि वोट ट्रांसफर की प्रक्रिया में समय लगता है।

राजनीतिक दल 2024 में मिली सीटें2019 में मिली सीटें
बीजेपी 923
कांग्रेस131
एनसीपी14
एनसीपी (शरद चंद्र पवार)8
शिवसेना (यूबीटी)9
शिवसेना 718

कुछ दिन पहले भी महाराष्ट्र में बीजेपी के एक नेता ने पार्टी की बैठक में कहा था कि बीजेपी कार्यकर्ता चाहते हैं कि अजित पवार के साथ गठबंधन खत्म कर दिया जाना चाहिए।

एनसीपी (शरदचंद्र पवार) का दावा

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को लेकर बड़ा दावा किया। एनसीपी (एसपी) के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि बीजेपी शायद डिप्टी सीएम अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को किसी न किसी तरह से सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़ने के लिए कह रही है।

पत्रकारों से बात करते हुए, एनसीपी (एसपी) प्रवक्ता ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा को एहसास हुआ है कि एनसीपी के साथ उसका गठबंधन विधानसभा चुनावों में उसकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने वाला है।

पार्टी के नेता चाहते हैं एकजुट हो जाएं दोनों पवार

अजित पवार समर्थक और पिंपरी विधायक अन्ना बनसोडे के साथ जुन्नार विधायक अतुल बेंके ने रविवार को अजित और शरद पवार से पार्टी और राज्य के हित में फिर से एकजुट होने का आग्रह किया। यह बात तब आई जब अजित पवार ने रविवार को पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की।

इससे पहले शनिवार को अतुल बेंके ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात की थी. एक दिन बाद उन्होंने कहा कि दोनों पवारों को अपने मतभेद भुलाकर एक साथ आना चाहिए। घोषणा के बाद, अजित पवार के समर्थक उनकी एनसीपी (शरदचंद्र पवार) में वापसी की मांग कर रहे हैं। इससे पहले भी अतुल ने कहा था, ”विधानसभा चुनाव अभी ढाई महीने दूर हैं। मीटिंग के दौरान साहब (शरद पवार) ने मुझसे कुछ नहीं कहा तो कहां जाएं का सवाल ही नहीं उठता। राजनीति में कई बदलाव आये हैं। अजित पवार और शरद पवार एक साथ आएंगे।”

एनसीपी ने फूट से किया किया इनकार

हालांकि, एनसीपी ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया है। राकांपा के मुख्य प्रवक्ता उमेश पाटिल ने कहा कि राकांपा और भाजपा के बीच गठबंधन का लक्ष्य भविष्य है। उन्होंने कहा, “आरएसएस के किसी भी मुखपत्र में व्यक्त की गई राय आवश्यक रूप से भाजपा या उसके नेताओं की मानसिकता को नहीं दिखाती है। आज तक एक भी बड़े भाजपा नेता ने कभी भी पार्टी की हार के लिए एनसीपी को दोषी नहीं ठहराया है। अगर यह सच होता तो भाजपा नेतृत्व ने कभी भी राकांपा के साथ गठबंधन नहीं किया होता।”

एनसीपी प्रवक्ता ने आगे कहा, “डेटा साबित करता है कि एनसीपी ने महाराष्ट्र में कहीं भी भाजपा को नुकसान नहीं पहुंचाया। इस गठबंधन की नजर भविष्य पर है और समन्वय बेहतर होगा। दोनों पार्टियों को एक-दूसरे से फायदा होगा क्योंकि वोट ट्रांसफर की प्रक्रिया में समय लगता है।”