लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 19 अप्रैल को 102 सीटों पर मतदान होना है। मतदान से दो द‍िन पहले (17 अप्रैल) आई रामनवमी पर सभी राजनीत‍िक दलों में इस बात की होड़ रही क‍ि राम के नाम पर राजनीत‍ि में कोई उससे आगे न न‍िकल जाए। पश्‍च‍िम बंगाल में तो यह होड़ ऐसी रही क‍ि सत्‍ताधारी तृणमूल कांग्रेस और धुर व‍िरोधी बीजेपी के नेता एक ही जुलूस में एक साथ चलते द‍िखे।

राम के नाम पर बीजेपी सत्‍ता की दौड़ में आगे न न‍िकल जाए, इसके ल‍िए तृणमूल कांग्रेस ने रामनवमी पर भरसक प्रयास क‍िए। यहां तक क‍ि उसके नेता रामनवमी पर जुलूस में भाजपा नेताओं के साथ कदम से कदम म‍िला कर भी चलते देखे गए।

बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने रामनवमी पर जुलूसों का आयोजन किया और अपने नेताओं व लोकसभा उम्मीदवारों को सड़कों पर उतारा।

पार्टी में दार्जिलिंग (मैदानी) अध्यक्ष पापिया घोष ने जुलूस में बीजेपी के दार्जिलिंग सांसद और उम्मीदवार राजू बिस्टा व अन्‍य भाजपा नेताओं के साथ जुलूस में ह‍िस्‍सा ल‍िया। यह जुलूस राम जन्मभूमि महोत्सव समिति द्वारा आयोजित क‍िया गया था। पाप‍िया ने सफाई में कहा, “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमें हर किसी के साथ विनम्रता से पेश आना सिखाया है। हालाँकि, अगर कोई इस धार्मिक आयोजन का उपयोग करके राजनीतिक लाभ हासिल करने की कोशिश करता है, तो हम विरोध करेंगे।”

माना जाता है कि पश्चिम बंगाल में 2019 से पहले रामनवमी बड़े पैमाने पर नहीं मनाई जाती थी। लेक‍िन, 2019 में जब बीजेपी 18 लोकसभा सीटें जीतकर राज्य के राजनीतिक नक्शे पर एक बड़े खिलाड़ी के रूप में उभरी तो तृणमूल भी धीरे-धीरे रामनवमी मनाने लगी। इस वर्ष मतदान से दो द‍िन पहले रामनवमी आई तो भाजपा के अलावा तृणमूल ने भी पूरे राज्‍य में बढ़-चढ़ कर कार्यक्रम क‍िए।

Agnipath scheme

बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद पहली बार लोकसभा का चुनाव हो रहा है। बीजेपी के लिए राम मंदिर का मुद्दा बेहद अहम रहा है। इसी मुद्दे के आधार पर पार्टी ने लोकसभा में अपनी शक्‍त‍ि बढ़ाई है।

इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर पार्टी के तमाम नेता अपनी कई चुनावी जनसभाओं में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के वादे को पूरा करने की बात को जरूर उठाते हैं। इस मुद्दे को बीजेपी के प्रचार अभ‍ियान का भी ह‍िस्‍सा बनाया गया है और आस्‍था के नाम पर लोगों से वोट मांगे जा रहे हैं। बीजेपी के अलावा बाकी पार्ट‍ियां भी राम को भूल नहीं रही हैं।

Surya Tilak Ram Mandir temple: राम लला का सूर्य तिलक हुआ

बुधवार को रामनवमी के दिन जब अयोध्या में रामलला के मस्तक पर सूर्य का तिलक हुआ तो इसे लगभग सभी टीवी चैनलों ने बड़े पैमाने पर कवर किया। सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफ़ॉर्म पर भी इससे जुड़ी तस्वीरों को खूब शेयर किया गया। इस साल 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद यह पहला मौका था जब मंदिर में रामनवमी मनाई गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस क्षण का सभी को इंतजार था और यह सूर्य तिलक विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी ऊर्जा से प्रकाशित करेगा। प्रधानमंत्री ने असम में अपनी चुनावी रैली में भी सूर्य तिलक का चुनावी मंच से खुलकर जिक्र किया। प्रधानमंत्री कई रैलियों में मंच से जय श्री राम का उद्घोष भी बीते दिनों में करते रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने हेल‍िकॉप्‍टर में टैबलेट पर सूर्यत‍िलक को देखते हुए अपना वीड‍ियो भी जारी कराया।

AAP ka Ram Rajya: ‘आप का राम राज्य’ नाम से वेबसाइट

आम आदमी पार्टी ने इसी दिन अपनी वेबसाइट को लांच किया और इसका नाम ‘आप का राम राज्य’ रखा। इस वेबसाइट में दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी सरकार के कामों के बारे में बताया गया है। पार्टी ने कहा है कि इन दोनों राज्यों की सरकारों के द्वारा किए गए काम राम राज्य से प्रेरित हैं।

Akhilesh Rahul Ram Mandir: अखिलेश, राहुल ने दी रामनवमी की बधाई

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी संयुक्त चुनावी कॉन्फ्रेंस में देशवासियों को रामनवमी की ढेर सारी शुभकामनाएं दी। बिहार के मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने भी देशवासियों को रामनवमी की बधाई दी। जबकि बीजेपी का कहना है कि लंबे वक्त तक भगवान श्री राम को काल्पनिक बताने वाले लोग आज मंदिर-मंदिर जा रहे हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो कुछ दिन पहले यहां तक कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हो रहा है और अगर केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए की सरकार होती तब भी मंदिर का निर्माण जरूर होता।

Chhattisgarh election 2024: कांकेर प्रत्याशी को राम का सहारा

इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी के तमाम तमाम प्रत्याशियों को भी राम मंदिर निर्माण का ही सहारा है। कई प्रत्याशी अपनी चुनावी जनसभा में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को जरूर उठाते हैं। छत्तीसगढ़ की कांकेर लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार भोजराज नाग खुलकर कहते हैं कि उन्हें अयोध्या में राम मंदिर बनने का फायदा चुनाव में जरूर मिलेगा।

सिंहभूम सीट से बीजेपी की उम्मीदवार गीता कोड़ा का स्थानीय ग्रामीणोें ने विरोध किया।(PC-X/@amarbauri )

2019 Lok Sabha Election Result: 2019 में क्या रहा था परिणाम

यहां हम इस पर नजर डालेंगे कि पहले चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है, उन राज्यों में लोकसभा चुनाव 2019 में क्या स्थिति रही थी।

पहले चरण में उत्तर प्रदेश की पीलीभीत, सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद और रामपुर, बिहार की औरंगाबाद, गया, जमुई, नवादा, मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा, बालाघाट, जबलपुर, मंडला, सीधी और शहडोल, छत्तीसगढ़ की बस्तर, राजस्थान की गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा, नागौर, असम की जिसमें डिब्रूगढ़, जोरहाट, काजीरंगा, लखीमपुर, सोनितपुर, अरुणाचल प्रदेश की अरुणाचल प्रदेश पूर्व और अरुणाचल प्रदेश पश्चिम, महाराष्ट्र की नागपुर, चंद्रपुर, भंडारा-गोंदिया, गढ़चिरौली-चिमूर, रामटेक, मणिपुर की आंतरिक मणिपुर और बाहरी मणिपुर, मेघालय की शिलांग और तुरा, तमिलनाडु की सभी 39 सीटें, 9. मिजोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, सिक्किम, लक्षद्वीप की 1-1 सीट, पश्चिम बंगाल की कूचबिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी, जम्मू-कश्मीर की उधमपुर सीट पर वोट डाले जाने हैं।

पिछले लोकसभा चुनाव परिणाम की बात करें तो बिहार में 40 में से 39 सीटों पर एनडीए विजयी रहा था। इसमें से 17 सीटें बीजेपी को, 16 सीटें जेडीयू को और 6 सीटों पर अविभाजित लोक जनशक्ति पार्टी को जीत मिली थी। इसी तरह महाराष्ट्र की 48 में से 41 सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी। इसमें से बीजेपी को 23 और अविभाजित शिवसेना को 18 सीटें मिली थीं।

अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी को दोनों सीटों पर, छत्तीसगढ़ में 13 में से 9 सीटों पर, असम की 14 में से 9 सीटों पर, मध्य प्रदेश की 29 में से 28 सीटों पर जीती थी।

राजस्थान की सभी 25 सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी। इसमें से 24 सीटें बीजेपी ने अपने दम पर जीती थीं जबकि एक सीट पर उसकी सहयोगी रही आरएलपी ने कब्जा जमाया था। उत्तर प्रदेश में एनडीए को 80 में से 64 सीटें मिली थी। इसमें से बीजेपी ने अकेले 62 सीटें जीती थी। पश्चिम बंगाल की 48 में से 18 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी।

जम्मू-कश्मीर की 6 में से 3 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी। मिजोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, सिक्किम, लक्षद्वीप की सीटों पर क्षेत्रीय दलों को जीत मिली थी।

BJP Ram Mandir Issue: 2 से 303 सीटों तक पहुंची बीजेपी

1989 में पालमपुर में हुए भाजपा के अधिवेशन में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को पहली बार पार्टी ने अपने मुख्य एजेंडे में शामिल किया था। पार्टी ने 2014 और 2019 के घोषणा पत्र में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का वादा किया था और अब जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो गया है तो पार्टी को उम्मीद है कि उसे चुनाव में इसका फायदा जरूर मिलेगा।

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, 1984 में सिर्फ दो सीटें जीतने वाली बीजेपी जानती है कि में 2014 में 282 सीटें और 2019 में 303 सीटों तक पहुंचने में राम मंदिर के मुद्दे ने उसकी खूब मदद की है।