कांग्रेस के कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोनिया गांधी को 5 पन्नों का पत्र लिखा है, जिसमें राहुल गांधी पर तमाम आरोप लगाए हैं। आजाद ने कहा है कि कांग्रेस लड़ाई की इच्छा-शक्ति खो चुकी है और पार्टी को दोबारा खड़ा करने के लिए नए सिरे से गंभीर पहल की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पार्टी में सिक्योरिटी और सेक्रेटरी के फैसले हावी हैं।

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मूल रूप से जम्मू कश्मीर के डोडा में मार्च 1949 में जन्मे गुलाम नबी आजाद हमेशा से कांग्रेसी रहे हैं। कांग्रेस की युवा इकाई से अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले आजाद केंद्र में मंत्री से लेकर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री तक रहे। आजाद की गिनती उन चुनिंदा नेताओं में होती है जिनकी सियासी मतभेद से इतर हर दल के नेताओं से अच्छे संबंध रहे हैं।

गुलाम नबी की विदाई पर क्यों भावुक हो गए थे पीएम?

पिछले साल जब गुलाम नबी आजाद राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे थे तब पीएम मोदी काफी ज्यादा भावुक हो गए थे और उन्होंने 2005 का एक किस्सा बताया था। दरअसल, 2005 में जब गुलाम नबी आजाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे तब गुजरात के पर्यटकों का एक दल कश्मीर पहुंचा था। इसी दौरान उन पर आतंकी हमला हो गया था और 8 लोगों की मौत हो गई थी। कई लोग घायल भी हो गए थे।

प्रधानमंत्री ने बताया कि उस वक्त उनके पास सबसे पहला फोन गुलाम नबी का ही आया था और उनके आंसू नहीं रुक रहे थे। गुलाब नबी ने सारे घायलों को हवाई जहाज से गुजरात भिजवाया था। उनकी हर संभव मदद की थी। तभी से पीएम उनके मुरीद हो गए थे।

संजय गांधी की मौत पर फूट-फूटकर रोए थे

गुलाम नबी आजाद अपनी जिंदगी में 5 मर्तबा फूट-फूटकर रोए हैं। माता पिता के निधन के अलावा वे पहली बार सार्वजनिक तौर पर रोए थे जब संजय गांधी का हवाई जहाज दुर्घटना में निधन हो गया था। इसके अलावा इंदिरा और राजीव गांधी की हत्या पर भी वे खूब रोए थे। गुलाम नबी आजाद की संजय गांधी से बेहद करीबी थी लेकिन एक मौका ऐसा भी आया था जब उन्होंने विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी के लिए संजय गांधी को ही टोक दिया था।

दरअसल, 1980 में संजय गांधी, संसद में अटल बिहारी वाजपेयी पर हमलावर थे और लगातार बोले जा रहे थे। गुलाम नबी उनके बगल में बैठे थे। उन्हें लगा कि अब ठीक नहीं है और उन्होंने संजय गांधी का कुर्ता खींचते हुए कहा कि बैठ जाओ, अगर वाजपेयी बोलेंगे तो तुम्हारी धज्जियां उड़ा देंगे।

शेरो-शायरी और बागवानी के शौकीन

गुलाम नबी आजाद शेरो शायरी के बेहद शौकीन हैं। उन्होंने अपनी पर्सनल डायरी में तमाम शायरी लिखी है। उन्हें बागवानी का खूब शौक है। दिल्ली के अपने सरकारी बंगले में उन्होंने 20 से ज्यादा तरह के फूल लगा रखे हैं। इनके बीज खुद इकट्ठे करते हैं और उनसे पौधे तैयार करते हैं। गुलाम नबी आजाद के गार्डन को इसके लिए कई प्रतियोगिता में इनाम भी मिल चुका है। वह जेडीयू नेता नीतीश कुमार को भी अपने बगीचे को अच्छा बनाने के लिए सलाह देते रहे हैं। आपको बता दें कि जब आजाद, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे तभी उन्होंने कश्मीर में ट्यूलिप गार्डन बनाया था। आज वह मशहूर पर्यटक स्थल बन गया है।