दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के घर पर सीबीआई (CBI) की छापेमारी के दो दिन बाद जांच एजेंसी ने लुकआउट सर्कुलर जारी करने का संकेत दिया है। दिल्ली आबकारी नीति मामले में सिसोदिया सहित 15 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कथित आबकारी घोटाला मामले में एजेंसी जल्द लुकआउट नोटिस जारी कर सकती है, जो फिलहाल प्रक्रिया में है।
क्या है दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति?
दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत शराब रात तीन बजे तक मिल सकेगी। पुरानी नीति से उलट शराब खुली जगह यानी छत वगैरा पर भी परोसा जा सकेगा। कम उम्र के व्यक्ति को शराब नहीं बेची जाएगी, उम्र सुनिश्चित करने के लिए आईडी चेक किया जाएगा। शराब की दुकान के बाहर स्नैक्स या खाने-पीने की दुकान नहीं खुल सकेगी ताकि खुले में शराब पीना कम हो। सरकार का दावा है कि इससे राजस्व बढ़ेगा।
दूसरी तरफ नई आबकारी नीति से उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vijay Kumar Saxena) और केजरीवाल सरकार के बीच तल्खी बढ़ गई है। परिणामस्वरूप जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद ही सीबीआई और दूसरी जांच एजेंसियां लगातार एक्शन ले रही हैं। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति से चीफ सेक्रेटरी और विपक्षी भाजपा नेता सहमत नहीं हैं।
चीफ सेक्रेटरी ने उपराज्यपाल को एक रिपोर्ट भेज बताया है कि आबकारी नीति 2021-22 में जीएनसीटी एक्ट-1991, ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन किया गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ”सरकार ने शराब बेचने का लाइसेंस हासिल करने वालों को टेंडर जारी होने के बाद भी बड़े पैमाने पर अतिरिक्त लाभ पहुंचाया है। शराब विक्रेताओं की 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ की गई है। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ है।”
क्या होता है लुकआउट सर्कुलर है?
लुकआउट सर्कुलर को लुकआउट नोटिस के नाम से भी जाना जाता है। यह एक पत्र होता है जो सरकारी जांच एजेंसियों द्वारा जारी किया जाता है। लुकआउट सर्कुलर जारी कर अधिकारी ये सुनिश्चित करते हैं कि मामले से संबंधित व्यक्ति देश छोड़कर ना भाग सके। यानी जांच अधिकारी उन्हीं मामलों में इस तरह का सर्कुलर जारी करते हैं, जिनमें उन्हें नामित व्यक्ति के फरार होने का संदेह होता है। सर्कुलर का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर इमिग्रेशन चेक में किया जा सकता है।
कौन जारी करता है लुकआउट सर्कुलर?
कानूनी तौर पर लुकआउट सर्कुलर जारी करने का अधिकार कई जांच एजेंसियों के पास है। प्रदेश के डिप्टी सेक्रेटरी, जॉइंट सेक्रेटरी या उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों को भी सर्कुलर जारी करने का अधिकार होता है। कई मामलों में डीएम, एसपी, इंटरपोल भी लुकआउट सर्कुलर जारी करते हैं।