BJP vs Congress Organization Comparison: लंबे वक्त से नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश कर रही केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी ने 14 दिसंबर को ने राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का ऐलान कर दिया। पार्टी ने घोषणा की कि बिहार सरकार में मंत्री और बीजेपी के चार बार के विधायक अब पार्टी के राष्ट्रीय कार्याकरी अध्यक्ष होंगे। इस नियुक्ति के साथ ही देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी यानी कांग्रेस के अध्यक्ष चुनने को लेकर चर्चा होने लगी है, कि आखिर कांग्रेस कैसे अपने अध्यक्ष चुनती रही है।
बिहार नितिन नबीन को प्रमोशन को जेपी नड्डा के बाद पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर भी देखा जा रहा है। पार्टी के ऐलान के साथ ही 1980 में बनी बीजेपी के अध्यक्षों की लिस्ट में नितिन नबीन का नाम भी शामिल हो गया है। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के अन्य दिग्गज नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने नितिन नबीन की संगठनात्मक कुशलता की तारीफ भी की है।
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अब तक बने 12 बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष
बीजेपी के चार दशकों में पार्टी ने शीर्ष पर कई नेताओं को बिठाया है और महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षणों से पहले संगठनात्मक कमान में अकसर दिलचस्प फेरबदल किए हैं, जिसने सभी का ध्यान भी खींचा है। बीजेपी ने अपनी स्थापना के बाद से 12 राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए हैं, जिनमें से कई ने एक से अधिक बार इस पद को संभाला है।
बीजेपी के 12 राष्ट्रीय अध्यक्षों की लिस्ट में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कुशाभाऊ ठाकरे, बंगारू लक्ष्मण, के जना कृष्णमूर्ति, एम वेंकैया नायडू, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, अमित शाह और जगत प्रकाश नड्डा शामिल हैं।
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आडवाणी के बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर तीन कार्यकाल
पूर्व अध्यक्ष और दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी तीन अलग-अलग कार्यकालों में बीजेपी अध्यक्ष का पद संभालने के साथ सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाले नेता हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 2014 से 2020 के बीच पार्टी के सबसे मजबूत चुनावी दौर में पार्टी का नेतृत्व किया है। बात जेपी नड्डा की करें तो 2020 में शुरू हुआ था लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों तक बढ़ाया गया था।
अब जब कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नितिन नबीन का नाम घोषित हो गया है, तो अनुमान है कि जल्द ही उन्हें पूर्ण तौर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करने की औपचारिकता शुरू की जाएगी। अनुमान है कि पार्टी ये फैसला खरमास के बाद ले सकती है।
कांग्रेस का अध्यक्ष चुनने का क्या रहा पैटर्न?
बीजेपी के विपरीत कांग्रेस की बात करें तो 1885 में स्थापित कांग्रेस में तुलनात्मक समय में शीर्ष नेतृत्व में बहुत कम परिवर्तन हुए हैं। 1980 के बाद पार्टी की अध्यक्षता अक्सर लंबे समय तक नेहरू-गांधी परिवार के पास ही केंद्रित रही है। दशकों से उल्लेखनीय कांग्रेस अध्यक्षों में पट्टाभि सीतारमैया (1948-49), जवाहरलाल नेहरू (1951-54), इंदिरा गांधी (1959; 1978-83), राजीव गांधी (1985-91), और पीवी नरसिम्हा राव (1992-94) शामिल हैं।
खास बात यह भी है कि कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में लंबे कार्यकाल का सिलसिला सोनिया गांधी के नेतृत्व में सबसे अधिक रहा है। उन्होंने 1998 से 2017 तक और फिर 2019 से 2022 तक कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का पद संभाला था। वह पार्टी के इतिहास में सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाली नेता बन गईं। सोनिया गांधी के 2017 में हटने के बाद उनके बेटे राहुल गांधी ने 2017 से 2019 के बीच थोड़े समय के लिए उनका स्थान लिया।
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कांग्रेस में लंबे वक्त बाद गैर गांधी अध्यक्ष
साल 2022 में कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर गया। मल्लिकार्जुन खड़गे संगठन के चुनाव के बाद अध्यक्ष बने थे। 1990 के दशक के बाद खड़गे पहले गैर-गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने। उन्होंने पार्टी के आंतरिक चुनाव में शशि थरूर को हराया और पार्टी का नेतृत्व करना जारी रखा।
बीजेपी और कांग्रेस के बीच नेतृत्व को लेकर सबसे बड़ा अंतर पारिवारवादी नेतृत्व का है। जब व्यापक विपक्षी परिदृश्य पर नजर डाली जाती है, तो नेतृत्व का अंतर और भी स्पष्ट हो जाता है, जहां पार्टी का नियंत्रण काफी हद तक संस्थापक परिवारों के हाथों में ही रहा है। ऐसे में अब ये भी देखना होगा कि जब मल्लिकार्जुन खड़गे का कार्यकाल खत्म होगा तो पार्टी किसे नया अध्यक्ष बनाएगी।
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