TikTok shutdown in USA: अमेरिका में टिक-टॉक पर प्रतिबंध लगने से 170 मिलियन यूजर परेशान हैं। पिछले साल कांग्रेस में पारित एक कानून के तहत इस पर बैन लगाने का कदम उठाया गया। इसके बाद टिक-टॉक ने खुद ही अपनी सेवा बंद कर दी। ऐप खोलने पर यूजरों को एक संदेश मिला जिसमें लिखा था, “अमेरिका में टिक-टॉक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।” इससे पूरे देश में खलबली मच गई। टिक-टॉक का उपयोग करने वालों की संख्या लाखों में है और अमेरिकी इसे काफी पसंद करते रहे हैं।
इस वजह से लगा प्रतिबंध
अमेरिकी सांसद और अमेरिकी अधिकारी वर्षों से चीन के साथ टिकटॉक के संबंधों से राष्ट्रीय सुरक्षा को होने वाले संभावित खतरों के बारे में चेतावनी देते रहे हैं। अमेरिकी कांग्रेस ने पिछले साल टिकटॉक की चीनी मूल कंपनी बाइटडांस को ऐप में अपनी हिस्सेदारी बेचने या अमेरिकी बाजार से कट जाने के लिए मजबूर करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था। कानून के तहत कंपनी को नए राष्ट्रपति के पदभार ग्रहण करने से एक दिन पहले यानी 19 जनवरी तक की समय सीमा दी गई थी। अधिकारियों का कहना है कि चीन की कंपनी बाइटडांस (ByteDance) का हिस्सा टिक-टॉक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। उनका दावा है कि चीनी सरकार TikTok के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों की जासूसी कर सकती है या गलत कंटेंट फैलाकर जनता को प्रभावित कर सकती है।
बाइडेन प्रशासन ने फैसला ट्रंप सरकार पर छोड़ा
बाइडेन प्रशासन ने कहा कि वह कानून को लागू करने का काम आने वाले ट्रंप प्रशासन पर छोड़ देगा। राष्ट्रपति-चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने ऐप को “बचाने” की कसम खाई थी। शनिवार को ट्रंप ने एनबीसी न्यूज को बताया कि वह कानून के प्रभावी होने की समयसीमा बढ़ाने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने फोन पर दिए इंटरव्यू में कहा, “90-दिन की समय सीमा कुछ ऐसी है, जिसकी सबसे ज्यादा संभावना है, क्योंकि यह उचित है।” उन्होंने कहा, “अगर मैं ऐसा करने का फैसला करता हूं, तो पूरी संभावना है कि अगले सोमवार को मैं इसकी घोषणा करूंगा।” कुछ परिस्थितियों में कानून राष्ट्रपति को कानून के प्रभावी होने की तिथि के संबंध में 90 दिनों तक का एक बार का विस्तार देने की अनुमति देता है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
टिक-टॉक ने इस प्रतिबंध को चुनौती दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए कंपनी की अपील खारिज कर दी कि यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है। अदालत ने माना कि टिक-टॉक का डेटा चीनी सरकार के लिए एक “जासूसी का औजार” बन सकता है।
टिक-टॉक (TikTok) की प्रतिक्रिया
टिक-टॉक ने इसे अनुचित बताते हुए कहा कि अमेरिकी सरकार ने समाधान के लिए कोई स्पष्ट कदम नहीं उठाया। कंपनी ने अपने यूजरों के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए “प्रोजेक्ट टेक्सास” जैसी योजनाएं शुरू की थीं, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने इसे नाकाफी बताया।
यह भी पढ़ें… रील्स देखकर छात्र ने बनाया SBI लूटने का प्लान, साइकिल से पहुंचा बैंक, फिर जो हुआ…
अमेरिकी सांसदों का कहना है कि टिक-टॉक जैसे ऐप्स का इस्तेमाल चीन अमेरिकी नागरिकों की गोपनीय जानकारी जुटाने के लिए कर सकता है। यह कदम चीनी राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के तहत चीन के प्रभाव को सीमित करने की दिशा में उठाया गया है।
टिक-टॉक ने उम्मीद जताई है कि भविष्य में इसका समाधान निकलेगा। फिलहाल, ऐप Google और Apple के प्लेस्टोर से भी हटा दिया गया है।अमेरिका में टिक-टॉक पर प्रतिबंध के फैसले का असर लाखों यूजरों पर पड़ा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या टिक-टॉक दोबारा अमेरिकी बाजार में वापसी कर पाएगा।