अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों अपने ही देश में आलोचना का सामना कर रहे हैं। वजह है भारत पर भारी टैरिफ यानी आयात शुल्क लगा देना। ट्रंप ने हाल ही में भारत से आने वाले सामान पर कुल 50% टैरिफ ठोक दिया है, और इसके पीछे कारण बताया रूसी तेल की खरीद। पहले उन्होंने 25% शुल्क का ऐलान किया था, लेकिन कुछ ही समय बाद इसे दोगुना कर दिया। भारत ने साफ कह दिया है कि वह अपने राष्ट्रीय हित में जो भी जरूरी होगा, वही करेगा, चाहे किसी को पसंद आए या न आए।
पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने इस फैसले पर खुलकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि ट्रंप बिना वजह भारत को नाराज कर रहे हैं। एनडीटीवी से बातचीत में बोल्टन ने चेताया कि इस तरह के कदम से दोनों देशों के रिश्तों में जो दरार आई है, उसे भरने में वक्त लगेगा। उनके शब्दों में – “जब आप इतनी बड़ी गलती करते हैं, तो भरोसा और विश्वास दोबारा पाने में काफी समय लगता है।”
शहबाज शरीफ, आसिम मुनीर भी खोज रहे हैं निपटने के तरीके
बोल्टन ने यहां तक तंज कस दिया कि भारत चाहे तो ट्रंप को दो बार नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट कर सकता है। उनका इशारा पाकिस्तान की तरफ था, जिसने ऐलान किया था कि वह ट्रंप को औपचारिक तौर पर नोबेल के लिए नामित करेगा। बोल्टन ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर भी ट्रंप से निपटने के तरीके ढूंढ रहे हैं।
एक और दिलचस्प सवाल बोल्टन ने उठाया – अगर रूस से तेल खरीदने पर भारत पर इतना भारी टैरिफ लगाया जा सकता है, तो चीन को इतनी राहत क्यों? चीन भी रूस से तेल खरीदता है, लेकिन उस पर टैरिफ कहीं कम है। बोल्टन ने कहा कि यह दोहरा रवैया है, क्योंकि अमेरिका और यूरोपीय संघ भी रूस से कई चीजें खरीदते हैं, लेकिन बात भारत पर जुर्माना लगाने की आ जाती है।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि ट्रंप के यूक्रेन में सीजफायर कराने के प्रयासों से भारत प्रभावित हुआ है, लेकिन रूसी तेल पर पाबंदी को लेकर ट्रंप का रुख संतुलित नहीं दिखता। उनका मानना है कि भारत पर इतने ऊंचे टैरिफ का असर लंबे समय तक रहेगा और भरोसे की बहाली आसान नहीं होगी।
ट्रंप का यह कदम न केवल भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास ला रहा है, बल्कि उनके अपने देश में भी सवाल खड़े कर रहा है। आलोचकों का कहना है कि अगर वाकई अमेरिका को अपने रणनीतिक साझेदारों पर भरोसा बनाए रखना है, तो टैरिफ की तलवार लहराने से पहले रिश्तों का भी ख्याल रखना होगा।