Action on Facebook: रूस ने मंगलवार (11 अक्टूबर) को मेटा (फेसबुक) को प्रतिबंधित लिस्ट में डाल दिया है। न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक रूस की नजर में मेटा (फेसबुक) एक आतंकवाद और चरमपंथ फैलाने वाली संस्था है। रूस ने मेटा पर ये आरोप लगाते हुए उसे प्रतिबंधित कर दिया है। रूस की वित्तीय निगरानी रखने वाली एजेंसी रोसफिनमोनिटोरिंग ने यूएस टेक दिग्गज मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक को “आतंकवादियों और चरमपंथियों” की सूची में शामिल कर दिया है। मेटा, इंस्टाग्राम और फेसबुक की मूल कंपनी है।
मार्च में रूस में चरमपंथी गतिविधि का दोषी पाए जाने के बाद मास्को की एक अदालत ने जून में मेटा की एक अपील को खारिज कर दिया। अदालत में उस समय मेटा के वकील ने कहा कि मेटा चरमपंथी गतिविधि नहीं कर रहा था और रूसोफोबिया के खिलाफ था। वहीं मेटा के मालिक मार्क जुकरबर्ग को इस साल मई में अमेरिका के 963 प्रतिष्ठित अमेरिकी हस्तियों की सूची में शामिल किया गया था। इस सूची में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल हैं। बाइडेन के रूस में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। आपको बता दें कि रूस ने ये कदम ऐसे समय में उठाया है जब उसने यूक्रेन की ऊर्जा संबंधित सुविधाओं को लेकर उस पर फिर से हमले शुरू किया है।
रूस के इस निर्णय से मेटा पर क्या होगा असर?
फेसबुक और इंस्टाग्राम मार्च से रूस में लोगों की पहुंच से बाहर हैं लेकिन कई रूसियों ने सोशल मीडिया नेटवर्क का उपयोग जारी रखने के लिए वीपीएन का सहारा लिया। Instagram रूस में विशेष रूप से लोकप्रिय है और विज्ञापन और बिक्री के लिए एक प्रमुख मंच हुआ करता था। दुनिया भर में अरबों लोग मेटा के ऐप का इस्तेमाल करते हैं। रूस का यह निर्णय मेटा को रूस के विपक्षी समूहों, दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी समूहों, तालिबान सहित विदेशी आतंकवादी संगठनों की लिस्ट में शामिल करता है।
क्या है मेटा? जानें यहां
मेटा को पहले फेसबुक के नाम से जाना जाता था। यह प्लेटफॉर्म इंक मेटा के रूप में व्यवसाय कर रहा है। मेटा मेनलो पार्क, कैलिफ़ोर्निया में स्थित एक बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी समूह है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के साथ मेटा कई कंपनियों का एक समूह है। ये दुनिया की सबसे कीमती कंपनियों में से एक है। मेटा को गूगल, एप्पल, एमाज़ॉन और माइक्रोसॉफ़्ट के साथ-साथ अमेरिका की सूचना प्रौद्योगिकी में बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक माना जाता है।