मालदीव-भारत विवाद का मुद्दा गर्माता जा रहा है। पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप पहुंचे थे। उन्होंने वहां की खूबसूरत तस्वीरें शेयर की थीं। इसके बाद वहां के तीन मंत्रियों ने अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद विवाद बढ़ता चला गया। विवाद के बीच EaseMyTrip ने मालदीव की सारी टिकट कैंसिल कर दी। वहीं लोग सोशल मीडिया पर मालदीव का बायकॉट करने लगे। लोग सोशल मीडिया पर टिकट कैंसिल करने का सबूत पोस्ट करने लगे। बॉलीवुड के कई अभिनेता और अभिनेत्रियों ने भी मालदीव के खिलाफ पोस्ट की। देखते ही देखते मालदीव और भारत विवाद की चर्चा दुनिया भर में होने लगी। लोग मालदीव के बदले लक्षद्वीप जाने की बात करने लगे हैं।
MATATO ने कहा हमें अफसोस है
इसी बीच मालदीव टूरिज्म ने भारत के EaseMyTrip से अपील की है कि वह फिर से मालदीव के लिए टिकट की बुकिंग शुरू कर दे। मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर्स MATATO ने EaseMyTrip से कहा, “उन्हें उन कमेंट्स पर अफसोस है। कृपया उन कमेंट्स पर ध्यान न दे। मालदीव के लोग भारत के लोगों से प्यार करते हैं। MATATO ने EaseMyTrip के सीईओ निशांत पिट्टी से कहा कि मालदीव की अर्थव्यवस्था में भारत के लोगों का बड़ा हाथ है। कोविड के बाद मालदीव आने वालों में भारत के लोग सबसे अधिक हैं। भारत और मालदीव की दोस्ती के लिए हम आभारी हैं। हमारे लोगों को जोड़ने वाली ये दोस्ती राजनिति से परे है। हम भारत के लोगों को अपने भाई-बहन के रूप में मानते हैं। पर्यटन मालदीव की लाइफलाइन है, जो यहां की आर्थिक व्यवस्थ में दो-तिहाई से अधिक का योगदान देता है। इस क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 44,000 मालदीववासियों को रोजगार मिलता है। लोगों के मालदीव ना आने की वजह से हमारी अर्थव्यवस्था पर गंभीर खतरा मंडरा सकता है।”
पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, पिछले साल दो लाख से अधिक भारत के लोगों मालदीव गए थे। इतना ही नहीं पिछले दो सालों में 4.5 लाख से अधिक लोग मालदीव पहुंच चुके हैं। कोरोना के समय मालदीव में लगभग 63,000 भारतीय पहुंचे थे। MATATO ने सभी से अपमानजनक टिप्पणियों पर ध्यान ना देने की अपील की है और मालदीव जाने के लिए रिक्वेस्ट की है। इसके अलावा MATATO ने उन अपमानजनक टिप्पणियों की निंदा की है।