अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले को ईरान से जोड़कर दिखाने की नई थ्योरी सामने आ रही है। पूर्व राष्ट्रपति पर पेंसिल्वेनिया के बटलर में एक चुनावी रैली के दौरान गोलियां चली थीं, जिसमें उनके कान के पास चोट लगी थी और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अब एक तरफ यह चर्चा जारी है कि यह हमला ईरान ने कराया है और ईरान के जनरल रहे कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए यह हमला हुआ है। कहा जा रहा है कि CNN को खुफिया सूत्रों से यह खबर मिली है कि ईरान पूर्व राष्ट्रपति को मरवाना चाहता है। अब डोनाल्ड ट्रंप के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
खुफिया सूत्रों से क्या जानकारी मिली है?
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक़ अमेरिकी अधिकारियों को हाल के हफ्तों में ईरान द्वारा पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रचने के बारे में खुफिया जानकारी मिली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस घटनाक्रम के कारण सीक्रेट सर्विस ने ट्रंप के इर्द-गिर्द सुरक्षा बढ़ा दी है। हालांकि, इस बात का कोई संकेत नहीं मिला है कि 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया रैली के दौरान ट्रंप की हत्या की कोशिश करने वाले 20 वर्षीय थॉमस मैथ्यू क्रुक्स का ईरानी साजिश से कोई संबंध था।
ईरान ने नकारे आरोप
ईरान ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया और उन्हें निराधार और दुर्भावनापूर्ण बताया। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी मिशन के प्रवक्ता ने सीएनएन को बताया, “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के दृष्टिकोण से ट्रम्प एक अपराधी हैं, जिन पर जनरल सुलेमानी की हत्या का आदेश देने के लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए और उन्हें कानून की अदालत में दंडित किया जाना चाहिए। ईरान ने उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए कानूनी रास्ता चुना है।”
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक़ ईरानी साजिश के बारे में खुफिया जानकारी एक मानव स्रोत द्वारा दी गई थी। एक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि सीक्रेट सर्विस और ट्रम्प अभियान को पेंसिल्वेनिया रैली से पहले एक खतरे के बारे में पता चला था। अधिकारी ने कहा कि जवाब में सीक्रेट सर्विस ने पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा बढ़ा दी थी।