दुनिया में सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाली अमेरिकी खुफिया एजेंसी (सीआईए) इन दिनों संकट से गुजर रही है। बता दें कि सीआईए ने इस बात को स्वीकार किया है कि, एजेंसी के जासूसों की एक खुफिया लिस्ट चीन और ईरान जैसे उसके दुश्मनों के हाथों लग गई है। इस लिस्ट के जरिए अमेरिकी दुश्मन देश सूचना देने वाले जासूसों की हत्या कर रहे हैं।
इन देशों में हुई हत्या: एक-एक कर हो रही इस हत्या को लेकर सीआईए ने घबराकर दुनियाभर में फैले अपने जासूसों को एक खुफिया मेमो जारी किया है। इसमें दुश्मनों की तरफ से होने वाले खतरे के प्रति आगाह किया गया है। ‘गुप्त’ मेमो में इस बात को माना गया है कि, बड़ी तादाद में चीन, पाकिस्तान, रूस, ईरान और अफगानिस्तान जैसे देशों उनके मुखबिरों की हत्या की गई है। जो जिंदा भी बचे हैं इन देशों की खुफिया एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार कर लिये गए हैं। कई तो डबल एडेंट बन गए हैं।
अपनी एक रिपोर्ट में न्यूयार्क टाइम्स ने कहा है कि, पिछले कई सालों में इस तरह के मामलों का विश्लेषण काउंटरइंटेलिजेंस मिशन द्वारा किया गया है। मेमों में साफ तौर पर संख्या बताई गई है कि, आखिर कितने जासूसों को मौत के घाट उतारा गया है। अमेरिकी दुश्मन ठिकानों पर सीआइए के जासूसों का मारा जाना असमान्य घटना है।
खुफिया एजेंसी से जुड़े पूर्व अधिकारियों ने कहा कि जासूसों की हत्या होने से बाकी जासूसों को एजेंसी को निकालकर दूसरी जगहों पर भेजना पड़ा। गुप्त मेमो में कहा गया है कि जासूस अपने सूत्रों में आंख बंद कर यकीन ना करें, विदेशी खुफिया एजेंसियां को कमतर ना आंके। जासूसों को तेजी से आगे बढ़ने से रोका गया है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में रूस, चीन, ईरान और पाकिस्तान ने अपने देशों में अमेरिकी जासूसों का पता लगाकर उन्हें मार दिया। इसके अलावा कुछ ऐसे भी मामले भी सामने आए जिसमें में अमेरिकी जासूस दूसरे देशों से मिल गए और डबल एजेंट के तौर पर काम करने लगे। सीआईए ने स्वीकार किया है कि, ईरान और चीन को कुछ अमेरिकी लोगों ने जासूसों के बारे में जानकारी दी, और उन्हें पकड़वाने में उनकी मदद की।