क्षेत्र में राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आतंकवाद के इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए भारत और अफगानिस्तान ने आतंकवाद के सभी प्रायोजकों और ठिकानों को नेस्तनाबूद करने का आह्वान किया है। इसे पाकिस्तान को एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत आए अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आतंकवाद से मुकाबले और सुरक्षा व रक्षा सहयोग मजबूत करने के प्रति अपना संकल्प जताया जैसा कि भारत-अफगानिस्तान रणनीतिक साझेदारी समझौते में परिकल्पना की गई है। बुधवार को यहां हैदराबाद हाउस में दोनों पक्षों की प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद मोदी ने कहा कि भारत शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, ऊर्जा, आधारभूत संरचना और लोकतांत्रिक संस्थाओं जैसे क्षेत्रों में अफगानिस्तान के क्षमता निर्माण के लिए एक अरब डॉलर की राशि आबंटित करेगा।
दोनों पक्षों ने तीन समझौते- प्रत्यर्पण समझौता, नागरिक और वाणिज्यिक मामलों में सहयोग और बाहरी जगत के शांतिपूर्ण इस्तेमाल में सहयोग पर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।

बाद में एक साझा बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय हालात पर चर्चा की और क्षेत्र में राजनीतिक लक्ष्यों के लिए आतंकवाद व हिंसा के निरंतर इस्तेमाल पर गंभीर चिंता जताई। बयान में कहा गया कि दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि यह परिघटना क्षेत्र व इससे आगे शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए सबसे बड़ा खतरा है। बयान में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया। दोनों देश आतंकवाद प्रायोजित करने के लिए उस पर आरोप लगाते हैं। इस बात पर जोर देते हुए कि बिना भेदभाव के सभी तरह के आतंकवाद का खात्मा जरूरी है, दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान और भारत को निशाना बनाने वालों सहित आतंकवाद के सभी प्रायोजकों, समर्थकों, सुरक्षित पनाहगाह और ठिकानों को नेस्तनाबूद करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने भारत से विश्व स्तरीय और आसान किफायती चिकित्सा तथा परस्पर सहमति वाले साधनों के जरिए सौर ऊर्जा में सहयोग की भी पेशकश की।

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दोनों नेताओं ने संसद भवन व अफगानिस्तान-भारत मैत्री बांध जैसे हालिया महत्त्वपूर्ण मील के पत्थर तय करने पर खुशी जाहिर की। दोनों नेताओं ने कहा कि वे इस महीने के अंत में न्यूयार्क में भारत-अमेरिका-अफगानिस्तान विचार-विमर्श के फिर आरंभ होने को लेकर आशान्वित हैं।प्रधानमंत्री ने गनी से कहा कि भारत हर मुमकिन तरीके से अफगानिस्तान की सरकार को मदद करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भागीदारी जारी रखेगा।