Covid-19 या Coronavirus दुनिया भर के देशों और क्षेत्रों में महामारी का रूप ले चुका है। एक ओर मेडिकल एक्सपर्ट्स और साइंटिस्ट्स इसके इलाज और वैक्सीन से जुड़े शोध में जुटे हैं। वहीं, दूसरी ओर इस वायरस को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। गुरुवार को ब्रीफिंक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस संक्रामक बीमारी को लेकर अनोखा दावा किया। उन्होंने संभावना जताते हुए कहा है कि सूरज की तीव्र गर्मी से यह वायरस मर सकता है।

हालांकि, उन्होंने इसके अलावा कैमरे के सामने अपने सहयोगियों से यह भी सवाल दागा कि क्या फेफड़ों में कीटनाशक डालने से कोरोना के मरीज ठीक हो सकते हैं? ट्रंप ने अपने सिर की ओर इशारा करते हुए कहा- हो सकता है कि आप कर लें, हो सकता है कि न कर पाएं। मैं फिर कहता हूं कि हो सकता है आप कर लें या फिर न कर सकें। मैं डॉक्टर नहीं हूं। मैं एक ऐसा आदमी हूं, जो अच्छा…आप जानते ही हैं।

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने Homeland Security Department’s Science and Technology Directorate के कार्यवाहक निदेशक विलियम ब्रायन को गर्मी और सूरज की रोशनी से कोरोना को मात देने से जुड़े शोध के लिए बुलाया था। ब्रायन ने ऐसा डेटा पेश किया, जिसमें कुछ परिस्थितियों में सूरज की रोशनी फर्श या हवा में वायरस के आधे जीवनकाल को 18 घंटों से लेकर दो मिनट से कम के समय में खत्म कर सकती है।

वैसे, ट्रंप के बयान की डॉक्टर बिरादरी ने ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स पर कड़ी आलोचना की है। उनके इस अनोखे दावे और सवाल के बाद Lysol बनाने वाले Reckitt Benckiser Group को अपनी वेबसाइट पर बयान जारी कर कहना पड़ा कि किसी भी हालत में इंसानी शरीर में कीटनाशक नहीं डाला जाना चाहिए। वॉशिंगटन की स्टेट इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी ने भी चेताते हुए ट्वीट किया- हालात को और बदतर न बनाएं।

US इकनॉमी चरणबद्ध तरीके से फिर से खोलने की ट्रंप ने की वकालतः डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण भारी नुकसान झेलने वाली अमेरिकी अर्थव्यवस्था को सुरक्षित तथा चरणबद्ध तरीके से फिर से खोलने का समर्थन किया है। गुरुवार को उन्होंने संकेत दिया कि यह सब एक मई के बाद भी जारी रह सकता है लेकिन उन्होंने अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे खोलने की आवश्यकता की जोरदार पैरवी की। बता दें कि देश की 95 प्रतिशत से अधिक आबादी घरों में सिमटी हुई है। देश में सामाजिक दूरी समेत अन्य सख्त कदम एक मई तक लागू हैं।

पोम्पिओ का आरोप- चीन को नवंबर से ही वायरस के बारे में पता थाः अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने आरोप लगाया है कि चीन को शायद वायरस के बारे में नवंबर से ही पता था। इसी के साथ उन आरोपों को एक बार फिर बल मिला है कि चीन वायरस की जानकारी देने को लेकर पारदर्शी नहीं रहा है। पोम्पिओ ने बृहस्पतिवार को एक साक्षात्कार में कहा, “आप याद करें तो इस तरह के पहले मामले के बारे में चीन को संभवत: नवंबर में ही पता चल गया था और मध्य दिसंबर तक तो निश्चित तौर पर।”

Coronavirus से जुड़ी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें: कोरोना वायरस से बचना है तो इन 5 फूड्स से तुरंत कर लें तौबा | जानिये- किसे मास्क लगाने की जरूरत नहीं और किसे लगाना ही चाहिए |इन तरीकों से संक्रमण से बचाएं | क्या गर्मी बढ़ते ही खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस?