दुनिया की सबसे पहली COVID-19 Vaccine रजस्टिर करा ली गई है। यह काम रूस ने किया है। मंगलवार को वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसकी घोषणा की। ‘Sputnik’ की रिपोर्ट में पुतिन के हवाले से कहा गया, “जहां तक मुझे मालूम है, विश्व में पहली बार, कोरोना वायरस संक्रमण (Novel Coronavirus Infection) के खिलाफ एक वैक्सीन को आज सुबह रजिस्टर किया गया है।” यह बात उन्होंने सरकार के साथ एक बैठक के दौरान कही। उनके मुताबिक, “मुझे उम्मीद है कि आगामी दिनों में हम इसका बड़े स्तर पर उत्पादन शुरू कर देंगे, जो कि बेहद जरूरी है।”

एक्सपेरिमेंट में पुतिन की बेटी हुईं शामिलः राष्ट्रपति पुतिन के मुताबिक, “कोरोना की इस वैक्सीन का टीका उनकी एक बेटी को भी लगा है। यहां तक कि उसने इस वैक्सीन से जुड़े प्रयोग में भी हिस्सा लिया। पहले टीकाकरण के बाद उसके शरीर का तापमान 38 डिग्री था, जबकि अगले दिन 37 डिग्री रहा।”

पहले किसे मिलेगी वैक्सीन?: इसी बीच, रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने बताया कि Russian Microbiology Research Center Gamaleya की इस COVID-19 वैक्सीन को रजिस्टर करा लिया गया है। यह सुरक्षित और प्रभावी साबित हुई है। उनके हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि इसी माह यह वैक्सीन लोगों को देना शुरू कर दिया जाएगा। सबसे पहले ये मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों को दी जाएगी। मसलन डॉक्टर्स, नर्स और अन्य हेल्थ स्टाफ को। फिर इसे बुजुर्गों को भी दिया जाएगा।

बाजार में कब आने की आस?: रूस का कहना है कि वह अक्टूबर से मुल्क में टीका लगाने की शुरुआत कर सकता है। वैसे, कहा जा रहा है कि शुरुआती तौर पर इस वैक्सीन की शीशियां सीमित संख्या में तैयार की जाएंगी। इसी साल सितंबर से इसका औद्योगिक उत्पादन भी चालू हो सकता है।

कितने में मिलेगा टीका?: दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन मुफ्त होगी। रशिया की एजेंसी ‘टीएएसएस’ की मानें तो इसे फ्री में लोगों को दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि वैक्सीन पर जो कुछ भी लागत आएगी, वह देश के बजट से पूरी की जाएगी। हालांकि, फिलहाल इस बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

बाकी देशों में कौन पाएगा पहले?: रूस में वैक्सीन रजिस्टर कर ली गई है, तो सवाल उठ रहा है बाहरी देशों में यह पहले किसे मिलेगी? वैसे, रूस ने इसे दूसरों को सप्लाई करने के लिए कहा, पर WHO भी स्पष्ट कर चुका है कि बगैर पूरी जानकारी, स्टेटस और डेटा के इसे दुनिया के अन्य देशों को देना फिलहाल ठीक नहीं है। कुछ मुल्कों ने तो साफ भी कर दिया है कि वे रूसी वैक्सीन को अपने यहां लोगों पर नहीं इस्तेमाल करेंगे। रूस के लोगों पर इसका असर कैसा होगा है, यह देखने समझने के बाद ही दूसरे देश इस पर फैसला ले सकते हैं।

विश्व में कोरोना केस हुए 2 करोड़ः दुनियाभर में कोरोना वायरस के पुष्ट मामलों की संख्या बढ़कर दो करोड़ हो गई है। संक्रमण के कुल मामलों से आधे से ज्यादा सिर्फ अमेरिका, भारत और ब्राजील से हैं। वहीं, स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि सीमित जांच और कम से कम 40 प्रतिशत लोगों में कोविड-19 का कोई लक्षण नहीं होने की वजह से संक्रमितों की वास्तविक संख्या ‘जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय’ की ओर से जारी आंकड़ों से अधिक होने की संभावना है।