चीन एशिया में अपना प्रभुत्व बढ़ाने के लिए हर संभव हथकंडा अपना रहा है। पूरी दुनिया उसके मंसूबों से वाकिफ है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से चिंतित अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर एक त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन ‘AUKUS’ पर हस्ताक्षर किया है। इससे इस क्षेत्र में चीन की बढ़ते दबदबे को चुनौती दी जा सकेगी।

पीएम मोदी को दी जानकारी: इस गठबंधन पर तीनों देशों ने दस्तखत करने के कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इसकी जानकारी दी थी। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को AUKUS पर हस्ताक्षर से पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी को फोन करके इस बात की जानकारी दी थी।

सूत्रों के मुताबिक ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने पीएम मोदी को इस गठबंधन के बारे में जानकारी दी और बताया कि इसमें ऑस्ट्रेलिया के साथ अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम भी शामिल है।

गठबंधन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने एक संयुक्त बयान भी जारी किया। जिसमें उन्होंने बताया कि इस गठबंधन की वजह से हिंद और प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।

गठबंधन का उद्देश्य: AUKUS को तीनों देशों ने ‘ऐतिहासिक’ बताया है और कहा कि इससे तीनों देश अपनी संयुक्त क्षमताओं का विकास करने, प्रौद्योगिकी को साझा करने पर सहमत हुए हैं। AUKUS के जरिए ऑस्ट्रेलिया परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों का एक बेड़ा बनाएगा, जिसमें उसे अमेरिका और ब्रिटेन की मदद मिलेगी। इस कदम का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में फैली अस्थिरता को कम करके स्थिरता को बढ़ावा देना है।