अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि उनके प्रशासन ने 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल और भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा वांछित तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक राणा वर्तमान में लॉस एंजिलिस के एक मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है।
माना जाता है कि तहव्वुर राणा मुंबई के 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा है। अमेरिका की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा, ‘‘आज मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने दुनिया के सबसे बुरे इंसानों में से एक और मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं में से एक को भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दे दी है। इसलिए, वह न्याय का सामना करने के लिए भारत वापस जा रहा है।’’
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर हुसैन राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ और वहीं परवरिश हुई. मेडिकल डिग्री हासिल करने के बाद वह पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में शामिल हो गया था। राणा की पत्नी भी डॉक्टर थीं। 1997 में दोनों पति-पत्नी कनाडा चले गए और 2001 में कनाडा के नागरिक बन गए। साल 2009 में अपनी गिरफ़्तारी से कुछ साल पहले राणा ने अमेरिका के शिकागो में एक इमीग्रेशन और ट्रैवल एजेंसी खोली। अदालत में बताया गया कि शिकागो में डेविड कोलमैन हेडली के साथ उनकी पुरानी दोस्ती फिर से शुरू हो गई थी। हेडली ने जब मुंबई पर हमले की तैयारी शुरू की, तो वह2006 से 2008 के बीच कई बार मुंबई आया। इस पर किसी को शक न हो इससे बचने के लिए हेडली ने राणा की ट्रैवल एजेंसी की एक ब्रांच मुंबई में खोली। अदालत को यह भी बताया गया था कि तहव्वुर राणा पाकिस्तान चरमपंथी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के इशारे पर ये सब कर रहा था।
जनवरी में अमेरिका की उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दी थी तहव्वुर राणा की समीक्षा याचिका
इससे पहले जनवरी में अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने तहव्वुर राणा की समीक्षा याचिका खारिज कर दी और उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। भारत ने पिछले महीने कहा था कि वह तहव्वुर राणा के शीघ्र प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ काम कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, ‘‘अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने 21 जनवरी को आरोपी की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। हम अब मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी को शीघ्र भारत प्रत्यर्पित करने के लिए प्रक्रियागत मुद्दों पर अमेरिका के साथ काम कर रहे हैं।’’
26 नवंबर 2008 को मुंबई में हमले में 166 लोग मारे गए थे
पाकिस्तान के 10 आतंकवादियों के एक समूह ने 26 नवंबर 2008 को अरब सागर के रास्ते मुंबई में घुसने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो आलीशान होटलों और एक यहूदी केंद्र पर समन्वित हमला किया था। लगभग 60 घंटे तक जारी रहे इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और यहां तक कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति भी बन गई थी।
नवंबर 2012 में पाकिस्तान आतंकवादी समूह के एकमात्र जीवित आतंकी अजमल आमिर कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटका दिया गया था। भारत इस नृशंस हमले में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है, लेकिन हमले के आरोपियों के खिलाफ अब तक मुकदमे की कार्रवाई बहुत आगे नहीं बढ़ पाई है। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स
(भाषा के इनपुट के साथ)