World Cancer Day: कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। हर साल 4 फरवरी वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है। दिन को बनाने का उद्देश्य लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करना और इसके बचाव को बताना। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक रहें और समय रहते कैंसर का इलाज करवा पाएं। दुनिया भर में हर साल वर्ल्ड कैंसर डे की एक थीम होती है। 2024 से 2026 तक की थीम “Close the Care Gap” यानी “देखभाल की खाई को पाटें” है। इसका मुख्य उद्देश्य कैंसर से होने वाली मौतों को कम करना और इसे खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास करना था। कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन उम्र के हिसाब से इसके होने का खतरा और लक्षण बदल सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि उम्र के हिसाब से कैसे कैंसर लोगों को प्रभावित करता है।
लैंसेट की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में भारत में लंग्स कैंसर के 72,510 केस आए, जिसमें से 66,279 मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी। रिंसिपल डायरेक्टर, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, वैशाली के डॉ गोपाल शर्मा ने बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक, कैंसर के प्रकार, कारण और बचाव बताए हैं।
उम्र के हिसाब से कैंसर का खतरा और लक्षण
कैंसर इतना गंभीर होता जा रहा है कि अब युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। दुनिया भर में कैंसर लोगों अधिक प्रभावित कर रहा है। ICMR के अनुसार, देश में हर साल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। अब यह बीमारी युवाओं को भी अपना शिकार बना रही है।
बच्चे और किशोर (0-19 साल) में कैंसर के प्रकार
- ब्लड कैंसर (ल्यूकेमिया)
- ब्रेन ट्यूमर
- लिंफोमा
युवा (20-40 साल) के लोगों में कैंसर के प्रकार
अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार, मोटापे के कारण ब्रेस्ट, यूटेरस, कोलोन और किडनी का कैंसर होने का खतरा होता है। मोटापा शरीर में सूजन और हार्मोनल में बदलाव का मुख्य कारण बनता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
- महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर
- सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर)
- पुरुषों में टेस्टिकुलर कैंसर
- कोलन कैंसर
हालांकि, नियमित हेल्थ चेकअप और स्क्रीनिंग जैसे- मैमोग्राफी, पैप स्मीयर, कोलोनोस्कोपी, शराब और धूम्रपान से बचाव और फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार का सेवन करने से कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।
मिडल एज (40-60 साल) में कैंसर के प्रकार
इस उम्र में खानपान के साथ-साथ लाइफस्टाइल का भी बहुत ही ध्यान रखना पड़ता है। ऐसे में नियमित व्यायाम और वजन कंट्रोल रखना बहुत ही आवश्यक है। तले-भुने और प्रोसेस्ड फूड से बचना चाहिए और रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाना चाहिए।
- धूम्रपान करने वालों में ज्यादा फेफड़ों का कैंसर
- पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर
- महिलाओं में ब्रेस्ट और ओवरी कैंसर
- पेट और लिवर कैंसर
बुजुर्ग (60+ साल) में कैंसर के प्रकार
- कोलन और रेक्टल कैंसर
- फेफड़ों का कैंसर
- ब्लैडर कैंसर
- स्किन कैंसर
कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन उम्र के हिसाब से इसके लक्षण और प्रकार बदल सकते हैं। अगर समय पर लक्षणों की पहचान की जाए और स्वस्थ जीवन शैली अपनाई जाए, तो कैंसर से बचाव संभव है। उम्र बढ़ने और कैंसर के बीच संबंध के अन्य पहलुओं की अभी भी जांच चल रही है, जैसे कि एपिजेनेटिक्स की भूमिका या पर्यावरणीय जोखिम हमारे डीएनए की बनावट को कैसे बदलते हैं। उदाहरण के लिए, यह संभव है कि आहार परिवर्तन इनमें से कुछ परिवर्तनों को तेज या धीमा कर सकते हैं, लेकिन वैज्ञानिक अभी उन तरीकों को समझना शुरू कर रहे हैं जो संभव हो सकते हैं।
वहीं, किडनी की समस्या होने से पहले शरीर कई संकेत देता है, जिन्हें नजरअंदाज करना महंगा पड़ सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, किडनी की समस्या के संकेतों को समय रहते पहचानना जरूरी है, नहीं तो किडनी फेल हो सकती है।