मॉर्डन लाइफस्टाइल हम पर इतना हावी हो गया है कि हमारे खाने-पीने का तरीका तक बदल गया है। भारत में जमीन पर बैठकर भोजन करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है लेकिन मॉर्डन लाइफस्टाइल के चलते आज हम लोग कुर्सी पर बैठकर खाते हैं। आज कल फर्श पर बैठकर खाने वालों को नीची दृष्टी से देखा जाता है। लेकिन आप जानते हैं कि भारत में नीचे बैठकर खाने की ये परंपरा सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है।

विशेषज्ञों के मुताबिक नीचे पालथी मारकर या सुखासन में बैठकर खाने से पाचन दुरुस्त रहता है। हाल ही में आयुर्वेद और गट हेल्थ कोच डॉ डिंपल जांगडा ने बताया कि फर्श पर खाना खाने से सेहत को कई तरह के फायदे होते हैं। एक्सपर्ट ने इंस्टाग्राम पर अपने विचार साझा करते हुए बताया कि फर्श पर बैठकर खाने की पारंपरिक प्रथा के पीछे बहुत ज्ञान और वैज्ञानिक कारण हैं।

एक्सपर्ट के मुताबिक जमीन पर बैठकर खाने से पाचन दुरुस्त रहता है, दिमाग शांत रहता है और हम खाने पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। सुखासन की मुद्रा पाचन में मदद करने वाली है। जमीन पर बैठकर खाना खाने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है और सभी अंगों तक खून पहुंचता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि सुखासन मुद्रा यानि फर्श पर बैठकर खाने के सेहत को कौन-कौन से फायदे हैं।

सुखासन मुद्रा में खाने के फायदे:

एक्सपर्ट के मुताबिक सुखा का अर्थ है “आराम से” और आसन का अर्थ है “आसन”। सुखासन मन और शरीर दोनों को आराम देता है। जब मस्तिष्क शांत होता है तो यह खाने पर बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित करता है। ध्यान से खाना खाने से शरीर को पोषक तत्वों को अच्छी तरह से पचाने में मदद मिलती है। मस्तिष्क पेट को संकेत देता है कि किस तरह के पाचक रस पहले से तैयार करना है।

सुखासन मुद्रा यानि पालथी मारने में, शरीर का निचला हिस्सा आराम के चरण में होता है जो दिल पर रक्त पंप करने के दबाव को कम करता है। पालथी मारकर बैठकर खाने से ऐब्डामनल में ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है। स्वास्थ्य पोषण विशेषज्ञ और हॉलिस्टिक लाइफ कोच करिश्मा शाह कहती हैं कि बैठकर खाने की आदत ऐब्डामिन में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर पाचन में सहायता करता है। बैठकर खाना खाते समय ब्रेन की वेगस नस ओवरइटिंग करने से रोकती है। अगर हम ओवरइटिंग करने से बचते हैं तो हमारा मोटापा कंट्रोल रहता है।

फोर्टिस अस्पताल नोएडा के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर और इंचार्ज प्रिवेंटिव हेल्थ, चेक-अप के डॉ विशाल गुप्ता बताते हैं कि बैठकर खाने से पाचन दुरुस्त रहता है। पेट की मांसपेशियों को फायदा पहुंचता है। फर्श पर बैठकर खाने से आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। क्योंकि आप नीचे बैठकर खाते हैं तो आप कमर को सीधा रखते हैं। नीचे बैठकर खाने से कमर का पॉश्चर ठीक रहता है।