Sudden Cardiac Death: हार्ट अटैक (Heart Attack) की उम्र क्या हो सकती है? 60 साल या कम से कम 50 साल। लेकिन हाल ही में एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला समेत ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें महज 40 साल में ही मरीज की हार्ट अटैक से मौत हो गई। कम उम्र में हार्ट अटैक से मौत को आप क्या कहेंगे। सिद्धार्थ के अलावा भी कई ऐसे लोगों की मौत हुई हैं जिनकी उम्र 40 साल से भी नीचे है। आज दुनिया भर में कम उम्र के लोगों की मौत अचानक हार्ट अटैक से हो रही हैं।

इससे भी बड़ी हैरानी की बात यह है कि कई मामलों में मरने वालों के दिल में किसी तरह के परेशानी होने के कोई संकेत मौजूद नहीं होते। बिना किसी लक्षण के युवा हार्ट अटैक की चपेट में आ जाते हैं। डॉक्टर इसी बात से परेशान हैं कि जब किसी को हार्ट से संबंधित कोई शिकायत नहीं रहती तो हार्ट अटैक से उनकी मौत अचानक क्यों हो जाती है।

अचानक हार्ट अटैक से मौत क्यों होती है रिसर्च में हुआ खुलासा:

हेल्थ साइट की खबर के मुताबिक अब इसी संबंध में एक रिसर्च यूरोपियन रेस्पिरेटरी सोसाइटी इंटरनेशनल कांग्रेस (European Respiratory Society International Congress) में पेश की गई है। इस पेपर में दावा किया गया है कि कम उम्र के लोगों के फेफड़े खराब होने का सीधा संबंध अचानक हृदयघात से हुई मौत ( Sudden Cardiac Death) से है। यानी अगर कम उम्र के लोगों का फेफड़ें सही तरीके से काम नहीं करते तो उनमें अचानक हार्ट अटैक से मौत का खतरा ज्यादा होता है।

फेफड़े के कारण ज्यादा उम्र में मौत की आशंका कम:

स्वीडन की एक यूनिवर्सिटी (Lund University in Sweden) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने 28,584 ऐसे लोगों पर अध्ययन किया। इन सभी की उम्र 20-45 वर्ष के बीच थी। इन लोगों में पहले से दिल से संबंधित बीमारी के लक्षण नहीं थे। शोधकर्ताओं ने इन लोगों पर 40 साल तक नजर रखी। शोध के अंत में पाया गया कि जिन लोगों के फेफड़े सही तरीके से काम नहीं करते थे, उन लोगों में अचानक मौत का जोखिम ज्यादा था।

यहां तक कि मध्यम उम्र वाले लोगों में मौत का जोखिम 23 प्रतिशत तक ज्यादा था। दूसरी ओर जब इन्हीं लोगों की उम्र ज्यादा हो गई तो आश्चर्यजनक रूप से इनमें मौत की आशंका पहले के मुकाबले कम हो गई। ज्यादा उम्र के साथ ही ऐसे लोगों में मौत की आशंका 8 प्रतिशत तक कम हो गई।

रिसर्च के मुताबिक मौत की आशंका को कैसे कम किया जाए:

शोधकर्ताओं ने कहा है कि चूंकि फेफड़ों का काम और दिल की सेहत के बीच सीधा संबंध है लेकिन अब तक इस बात का पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है कि आखिर कम उम्र के लोगों में फेफड़े के कमजोर होने की वजह से हार्ट अटैक क्यों हो रहा है। इसका प्रमुख कारण क्या है, इसलिए शोधकर्ताओं ने कहा है कि बेहतर यही होगा कि लोग 30-35 साल से ही रेग्यूलर हार्ट के साथ-साथ फेफड़े का भी चेक-अप कराएं। अगर फेफड़े का फंक्शन सही नहीं है तो डॉक्टर पहले से कुछ एहतियात बरतने की सलाह दे सकते हैं।