हम भारतीयों की आदत हो गई है कि हम दिन भर का खाना गरीबों की तरह खाते हैं और रात का खाना अमीरों की तरह खाते हैं। अमीर और गरीब से मतलब है कि हम दिन में जो भी मिलता है उसे खाकर पेट भर लेते हैं लेकिन रात को हम पूरे सुकून के साथ मन भरके खाते हैं। रात के खाने में हम अपनी पसंद के सभी फूड्स को शामिल करते हैं। डिनर में हम ना फैट की परवाह करते हैं और ना ही कैलोरी इनटेक पर ध्यान देते हैं और अपनी पसंद के सभी फूड्स को शामिल कर लेते हैं। हम भरपेट डिनर करते हैं फिर उसके बाद मीठा भी रोजाना जरूर खाते हैं। आप जानते हैं कि आपके डिनर की ये रूटीन आपकी सेहत पर कैसा असर करती है।
मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल की चीफ डायटीशियन भक्ति सामंत ने बताया कि अत्यधिक चीनी के सेवन से इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है,जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। शरीर अतिरिक्त चीनी को फैट में परिवर्तित करता है, मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है और मोटापा बढ़ाता है।
रात का खाना आपके मेटाबॉलिज्म और नींद के पैटर्न पर प्रभाव डालने के साथ ही बॉडी में कई तरह से असर करता है। रोज़ाना नियामित रूप से मीठा का अधिक सेवन करने से ट्राइग्लिसराइड के स्तर में बढ़ोतरी होती है। दिल से संबंधित रोगों का खतरा बढ़ता है।
रोजाना मीठा खाने से बॉडी में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव हो सकता है, उम्र बढ़ने में तेजी आ सकती है और कई क्रॉनिक बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। रात में मीठा रोजाना खाने से नींद के पैटर्न में भी खलल पैदा होती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि रोज़ाना डिनर में मीठा का सेवन करने से बॉडी पर उसके कौन-कौन से नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
रोज़ाना मीठा का सेवन करने से सेहत पर कैसा असर पड़ता है
- अत्यधिक चीनी का सेवन वजन बढ़ाने, इंसुलिन प्रतिरोध,डायबिटीज और दिल के रोगों का खतरा बढ़ाने में जिम्मेदार है।
- रूटीन के साथ डिनर में मीठा खाने से बॉडी में कई बीमारियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ सकती है।
- खाने की यह आदत हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ती है। मीठा रोज़ाना खाने से मेटाबॉलिज्म पर प्रभाव पड़ता है और मोटापा बढ़ सकता है।
- खराब डाइट का सेवन करने से बॉडी में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। डायबिटीज,दिल के रोगों और मेटाबॉलिज्म से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
इन बीमारियों में डिनर में मीठा खाने से बढ़ सकता है जोखिम?
- डॉ. सामंत ने बताया कि कुछ बीमारियों में मीठा का सेवन करने पर रोक लगाना जरूरी है।
- डायबिटीज मरीज मीठा का सेवन करने से परहेज करें। रोजाना मीठे फूड्स का सेवन परेशानी को बढ़ा सकता है।
- मोटापा या दिल की बीमारियों से जूझ रहे लोगों को हाई कैलोरी और शर्करा युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करना चाहिए।
- सूजन या ऑटोइम्यून डिजीज से ग्रस्त लोगों को कम चीनी वाली डाइट का सेवन करना चाहिए।
- खास डाइट का सेवन करने वाले और एलर्जी से पीड़ित लोग डाइट में मिठाईयों का सेवन करने से परहेज करें।
- प्रेग्नेंसी में महिलाओं को चीनी का सेवन सीमित करने पर पूरा ध्यान देना चाहिए वरना जेस्टेशनल डायबिटीज का बढ़ सकता है खतरा।
