बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) का निधन हो गया है। बीती रात 72 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली। बिहार के मौजूदा डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने X पर पोस्ट कर इस दुखद खबर की जानकारी दी। सम्राट चौधरी ने लिखा, ‘बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यसभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी जी के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि। यह बिहार भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति है।’
बता दें कि सुशील मोदी पिछले 6 महीने से यूरिनरी ब्लैडर कैंसर (Urinary Bladder Cancer) से पीड़ित थे। इस बात की जानकारी 3 अप्रैल को उन्होंने खुद एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर दी थी। बीते काफी समय से दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा था, हालांकि सोमवार 13 अप्रैल को सुशील मोदी इस गंभीर बीमारी से जंग हार गए। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर यूरिनरी ब्लैडर कैंसर होता क्या है, साथ ही जानेंगे इस जानलेवा बीमारी के लक्षण-
क्या होता है Urinary Bladder Cancer?
यूरिनरी ब्लैडर कैंसर को यूरोटेलियल कार्सिनोमा (urothelial carcinoma) के रूप में भी जाना जाता है। ये गंभीर बीमारी मूत्राशय यानी ब्लैडर के अंदर मौजूद यूरोटेलियल कोशिकाओं के असामान्य तरीके से बहुत अधिक बढ़ जाने पर होती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये कैंसर आपके मूत्राशय यानी ब्लैडर पर एक परत के रूप में शुरू होता है और समय के साथ पास के लिम्फ नोड्स और फिर शरीर के अन्य अंगों जैसे हड्डियां, फेफड़ों और लिवर तक बढ़ जाता है।
कई हेल्थ रिपोर्ट्स ये भी बताती हैं कि यूरिनरी ब्लैडर कैंसर पुरुषों को प्रभावित करने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है, महिलाओं को भी ये कैंसर प्रभावित कर सकता है लेकिन पुरुषों में इसका खतरा अधिक होता है। वहीं, परेशानी की बात यह है कि अधिकांश मामलों में एडवांस स्टेज में ही इस कैंसर के बारे में पता चल पाता है। हालांकि, अगर यूरिनरी ब्लैडर कैंसर के कुछ सामान्य लक्षणों पर ध्यान दिया जाए, तो समय रहते सही इलाज के साथ इस गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म भी किया जा सकता है।
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
- हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं मूत्राशय कैंसर का सबसे पहला लक्षण पेशाब में खून आना होता है। अगर आपको ये लक्षण नजर आए तो इसे लेकर बिना समय गवाए हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह जरूर लें।
- इससे अलग पेशाब करते समय दर्द और जलन का एहसास होना
- बार-बार पेशाब आना और बहुत ज्यादा पेशाब करने की जरूरत होना
- मूत्राशय में लगातार संक्रमण होना आदि परेशानियों का सामना करने पर भी एक्सपर्ट्स से सलह जरूर लें।
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अधिकतर मामलों में लोग पेशाब में नजर आने वाले इस लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं या UTI का लक्षण समझकर घरेलू उपचार में जुट जाते हैं। ऐसे में समय के साथ कैंसर अधिक फैलता चला जाता है। यही वजह है कि खासकर भारत में यूरिनरी ब्लैडर में कैंसर के अधिकतर मामले आखिरी स्टेज में ही सामने आते हैं। ऐसे में इस तरह के लक्षणों को आम समझने की गलती न करें, साथ ही पेशाब में कुछ भी असामान्य नजर आने पर जांच जरूर कराएं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।