कोलकाता में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर केस (Kolkata rape murder case) मामले में सीबीआई ने 7 लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति मांगी थी। कोर्ट की अनुमति के बाद अब टेस्ट जारी है। CBI का मानना है कि इस टेस्ट के बाद केस से जुड़े कई सवालों के जवाब सामने आ सकते हैं। इस बीच ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ ट्रैंड करने लगा है। लोगों के मन में सवाल है कि आखिर ये टेस्ट है क्या और कैसे इससे केस का सच सामने आ सकता है? यहां हम आपको इन्हीं सवालों का जवाब दे रहे हैं। आइए समझते हैं इस बारे में विस्तार से-

क्या होता है पॉलीग्राफ टेस्ट?

पॉलीग्राफ टेस्ट को लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कहा जाता है। इस टेस्ट के दौरान व्यक्ति की हार्ट बीट, सांस लेने की गति, नाड़ी, ब्लड प्रेशर, पसीना आने की गति समेत कई शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है।

आसान भाषा में समझें तो ये टेस्ट इस बात पर आधारित है कि जब कोई व्यक्ति झूठ बोल रहा होता है या जब व्यक्ति को घबराहट होती है, तो उसके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। जैसे- दिल की धड़कन बढ़ने लगती है, सांस लेने में बदलाव होता है, पसीना अधिक आने लगता है आदि। पूछताछ के दौरान शरीर में होने वाले इन्हीं बदलावों को कार्डियो-कफ या सेंसेटिव इलेक्ट्रोड जैसे उपकरण से मापा जाता है और इस तरह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ।

बता दें कि पॉलीग्राफ टेस्ट में व्यक्ति पूरी तरह होश में होता है यानी इस दौरान व्यक्ति को बेहोशी का इंजेक्शन नहीं दिया जाता है।

कैसे किया जाता है पॉलीग्राफ टेस्ट?

  • पॉलीग्राफ टेस्ट करने से पहले ये सुनिश्चित किया जाता है कि व्यक्ति को कोई बीमारी या किसी अन्य तरह की शारीरिक समस्या तो नहीं है।
  • बता दें कि पॉलीग्राफ मशीन ECG मशीन की तरह काम करती है। इस मशीन में सेंसर लगे कई सारे कंपोनेंट होते हैं। जैस-
  • न्यूमोग्राफ, जो व्यक्ति के सांस लेने के पैटर्न को रिकॉर्ड करता है।
  • गैल्वेनोमीटर, जिसे धारामापी भी कहा जाता है। ये स्किन पर आने वाले पसीने की ग्रंथि में बदलाव को मापाता है।
  • कार्डियोवास्कुलर रिकॉर्डर, जो दिल की गति और ब्लड प्रेशर को मापता है।
  • इन सभी डिवाइस के सिग्नल को एक डिजिटल मॉनिटर पर रिकॉर्ड किया जाता है।
  • टेस्ट से पहले व्यक्ति से सामान्य सवाल पूछे जाते हैं, जैसे- आपका नाम क्या है? आपकी आयु कितनी है? इसके बाद गंभीर सवालों का सिलसिला शुरू होता है।
  • ऐसा यह जांचने के लिए किया जाता है कि जब व्यक्ति सामान्य सवाल का जवाब देता है और जब गंभीर सवाल या किसी घटना से जुड़े सवाल का जवाब देता है, तो उसके शरीर की प्रतिक्रिया कैसी होती है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।