आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हेल्दी और फिट रहना बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन कामकाज के चलते खराब खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी हो जाती है। हालांकि, आजकल फिटनेस वॉक्स की चर्चा हर जगह है। जापानी वॉक, नॉर्डिक वॉक और फार्ट वॉक के बाद अब सोशल मीडिया और फिटनेस ब्लॉग्स पर एक नया ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे 6-6-6 वॉक नाम दिया गया है। चलिए आपको बताते हैं 6-6-6 वॉक रूल क्या हैं और इसे करने से सेहत को क्या फायदे मिलते हैं।
क्या है 6-6-6 वॉक?
फिटनेस विशेषज्ञ डॉ. वजल्ला श्रावणी के मुताबिक, 6-6-6 पैदल चलने का नियम एक सीधा समाधान है। ये सबसे सरल और आसान समाधानों में से एक है, जिससे हेल्दी और फिट रहा जा सकता है। इस फिटनेस रूटीन के अनुसार, व्यक्ति को हफ्ते में छह दिन, सुबह 6 बजे या शाम 6 बजे, 60 मिनट तक तेज चाल से वॉक करना होता है। वॉक से पहले 6 मिनट का वॉर्म-अप, वॉक के बाद 6 मिनट का कूल-डाउन आदि। इस तरह यह रूटीन न केवल शरीर को वॉक के लिए तैयार करता है, बल्कि एक्सरसाइज खत्म करने के बाद रिकवरी को भी सुरक्षित बनाता है।
एक घंटे की यह वॉक रोजाना लगभग 6,000 से 7,000 स्टेप्स पूरी कर देती है। Lancet Public Health में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, रोजाना 7,000 कदम चलना, मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने और कई गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए पर्याप्त माना गया है। सुबह की सैर शरीर के मेटाबॉलिज्म को संतुलित करती है। अतिरिक्त कैलोरी बर्न होती है और एनर्जी बढ़ती है। शाम को टहलने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इससे न केवल फिटनेस में सुधार किया जा सकता है, बल्कि स्वास्थ्य समस्याओं को भी कंट्रोल किया जा सकता है।
हार्ट और मेटाबॉलिज्म के लिए फायदेमंद
पीएसआरआई अस्पताल की मनोवैज्ञानिक अर्पिता कोहली के मुताबिक, रोजाना 60 मिनट की वॉक हार्ट स्वास्थ्य को मजबूत बनाती है, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसे लाइफस्टाइल रोगों का खतरा कम करती है और मांसपेशियों व जोड़ों को लचीला बनाए रखती है।
पाचन और वजन पर असर
नियमित वॉक पाचन को बेहतर बनाती है, मेटाबॉलिज्म को सक्रिय रखती है और वजन प्रबंधन में मदद करती है।
कम इंपैक्ट वाला कार्डियो
यह वॉक शरीर पर दबाव डाले बिना कैलोरी बर्न करने का अच्छा तरीका है। इससे फेफड़ों की क्षमता और स्टैमिना में भी सुधार होता है।
सुबह और शाम दोनों वॉक्स के अलग फायदे
- सुबह 6 बजे वॉक- ताजी हवा और धूप से विटामिन D मिलता है, जो हड्डियों को मजबूत करता है।
- शाम 6 बजे वॉक- दिनभर के तनाव को दूर करती है और नींद की गुणवत्ता बेहतर बनाती है।
कैसे करें यह वॉक?
एशियन अस्पताल के फिजियोथेरेपी विभाग प्रमुख डॉ. अमित पांडे के अनुसार, वॉक को सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है। वॉक करते समय शरीर सीधा रखें, कंधे रिलैक्स हों और सिर ऊपर रहे। हाथों को स्वाभाविक रूप से हिलाएं और पैरों की चाल हील-टू-टो हो। इसके साथ ही स्पीड 3–4 मील प्रति घंटा और लगभग 5–6 किमी/घंटा रखें। गहरी सांस लें, नाक से अंदर, मुंह से बाहर करते रहें। वॉक से पहले और बाद में पानी पिएं।
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