दही चावल यानी Curd Rice भारत के दक्षिणी राज्यों से लेकर महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर भारत तक में एक बेहद लोकप्रिय पारंपरिक व्यंजन है। इसे हल्का, ठंडक देने वाला और पाचन में आसान भोजन माना जाता है। आमतौर पर इसे पके हुए चावल में ताजा दही मिलाकर तैयार किया जाता है। दही बनाने के लिए गुनगुने दूध में थोड़ी सी पुरानी दही डालकर रातभर के लिए रखा जाता है, जिससे यह प्राकृतिक रूप से फर्मेंट हो जाता है। इस प्रक्रिया में गुड प्रोबायोटिक बैक्टीरिया विकसित होते हैं जो आंतों की सेहत को बेहतर बनाते हैं। सुबह तक यह दही पचने में आसान, ठंडक देने वाला और पोषक तत्वों से भरपूर हो जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार, दही चावल पित्त दोष को शांत करता है और गर्म मौसम में शरीर के तापमान को कंट्रोल रखने में मदद करते है। अब सवाल ये उठता है कि अगर दही और चावल का सेवन तीन महीनों तक सुबह से लेकर दोपहर और रात के खाने में किया जाए तो सेहत पर कैसा होता है असर।

फर्नेंटिड दही और चावल को तीन टाइम खाने से सेहत पर कैसा होता है असर?

KIMS हॉस्पिटल, ठाणे की चीफ डाइटीशियन डॉ. अमरीन शेख ने बताया नियमित रूप से दही चावल का सेवन करने से गट हेल्थ यानी आंतों का स्वास्थ्य बेहतर होती है। यह पेट को ठंडक देता है और पाचन को दुरुस्त रखता है। इसमें मौजूद कैल्शियम, प्रोटीन और हेल्दी फैट्स शरीर को पोषण देते हैं।

एक्सपर्ट ने बताया ज्यादा गर्म जलवायु में रहने वाले या संवेदनशील पेट वाले लोगों के लिए दही चावल एक आरामदायक भोजन है, जो हाइड्रेशन और गट हेल्थ दोनों को बनाए रखने में मदद करता है। यह न सिर्फ कंफर्ट फूड है बल्कि उन लोगों के लिए भी उपयोगी है जिन्हें गैस्ट्रिक या पाचन संबंधी दिक्कतें होती हैं। फर्मेंटेड दही चावल को खाने से गट हेल्थ में सुधार होता है, पेट की गर्मी कम होती है , एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। इसमें मौजूद कैल्शियम, प्रोटीन और हेल्दी फैट्स शरीर की हड्डियों, मांसपेशियों और स्किन को पोषण देते हैं।

क्या रात भर रखा हुआ दही चावल खाना सुरक्षित है?

यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि इसे कैसे और कहां रखा गया है। डॉ. शेख के अनुसार अगर दही चावल को कमरे के तापमान पर छोड़ दिया जाए तो यह ज़्यादा खमीर युक्त हो जाता है और हानिकारक बैक्टीरिया विकसित हो सकते हैं। गर्म तापमान में यह और भी खतरनाक साबित हो सकता है। हालांकि अगर इसे सही तरीके से फ्रिज में रखा गया हो, तो यह अपने प्रोबायोटिक गुणों को बनाए रखता है और सेवन के लिए सुरक्षित होता है। इन दोनों फूड का सेवन करते हैं तो उसकी साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जिस बर्तन में इसे रखा जा रहा है, वह साफ होना चाहिए और इसे बार-बार दोबारा गर्म नहीं करना चाहिए।

अगर रोज़ तीनों वक्त खाएं तो क्या होगा असर?

डॉ. शेख बताती हैं कि रोज़ाना हर भोजन में फर्मेंटेड दही चावल खाना शुरुआत में हल्का और सुकून देने वाला लग सकता है, लेकिन लंबे समय तक ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है। दही चावल में प्रोबायोटिक्स और कैल्शियम होते हैं, लेकिन जब इसे रात भर रखा जाता है तो इसमें से गुड बैक्टीरिया नष्ट हो सकते हैं और यह अत्यधिक खट्टा होकर गट बैलेंस बिगाड़ सकता है। इससे गैस, पेट फूलना और एसिडिटी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

इसके अलावा, एक ही भोजन को बार-बार खाने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। हमारी बॉडी को विविध पोषक तत्वों की जरूरत होती है जैसे प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और हेल्दी फैट्स। केवल दही चावल पर निर्भर रहने से थकान, स्किन में डलनेस, बालों का झड़ना और मांसपेशियों की कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर आप दही चावल खाना पसंद करते हैं, तो इसे संतुलित भोजन बनाने के लिए कुछ चीज़ें जोड़ें। इसमें खीरा, गाजर या अनार जैसे फाइबर युक्त फूड मिलाकर खाएं आपको फायदा होगा।

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