Vitamin D and Heart disease: विटामिन डी (Vitamin D)की कमी आजकल इंडिया के लोगों में आम परेशानी होती जा रही है। माना जाता है कि हमारे देश में 80 फीसदी लोगों में इस जरूरी विटामिन की कमी है। विटामिन डी (Vitamin D)स्किन में बनता है। इसकी दो फॉर्म होती है D-2 और D3। डी-3 सबसे एक्टिव फॉर्म होती है जो बॉडी के लिए सबसे काम का है। विटामिन डी-3 टेस्ट से ही हम बॉडी में विटामिन डी की उपलब्धता की जांच करते हैं।
नॉर्मल इंसान की बॉडी में 30-50 nmol/L के बीच में विटामिन डी का लेवल (Vitamin D levels) होना चाहिए। इससे अधिक लेवल नोर्मल होता है। अगर किसी की बॉडी में विटामिन डी का लेवल 30 nmol/Lसे कम है तो उसकी बॉडी में विटामिन डी की कमी हैं। इस विटामिन की कमी की वजह से हड्डियों कमजोर होने लगती है और कई स्वास्थ्य समस्याएं भी होने लगती है।
एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ बिमल झांजेर के मुताबिक विटामिन डी की कमी दिल के रोगों का खतरा भी पैदा करती है। जिन लोगों की बॉडी में विटामिन डी का लेवल 8-9 nmol/Lतक होता है उनकी बॉडी में कमजोरी, थकान, मूड में चिड़चिड़ापन, हड्डियों का कमजोर होना और दिल के रोगों का खतरा अधिक हो जाता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कैसे विटामिन डी की कमी दिल के रोगों का खतरा बढ़ाती है।
विटामिन डी की कमी कैसे दिल के रोगों का खतरा पैदा करती है: (How Vitamin D deficiency can increase the risk of heart diseases)
विटामिन डी एक वसा में घुलनशील (fat-soluble) प्रोहॉर्मोन (prohormone) है जो विभिन्न प्रकार की शारीरिक प्रक्रियाओं (physiological processes) को विनियमित (regulate)करने के लिए विटामिन डी रिसेप्टर्स (vitamin D receptors)के साथ संपर्क करता है। यह कैल्शियम और हड्डियों के मेटाबॉलिज्म (metabolism)पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है और इसके अलावा, यह शरीर में कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य करता है। ये बॉडी में सूजन को कंट्रोल करता है और इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करता है। पर्याप्त विटामिन डी का सेवन ऑटोइम्यून विकारों के जोखिम को कम कर सकता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ ऑस्ट्रेलिया कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट में ऑस्ट्रेलियन सेंटर फ़ॉर प्रिसिजन हेल्थ की निदेशक प्रोफ़ेसर एलिना हाइपोनेन और उनकी टीम ने पाया है कि विटामिन डी की कमी ब्लड प्रेशर और सीवीडी के जोखिम को बढ़ा सकती है। कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि विटामिन डी की कमी होने से दिल के रोगों का खतरा बढ़ने लगता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक हृदय रोग पैदा करने में विटामिन डी की कमी की अहम भूमिका है। रिसर्च से पता चला है कि विटामिन डी की कमी वाले लोगों में हृदय रोग और उच्च रक्तचाप से पीड़ित होने की संभावना ज्यादा होती है।
विटामिन डी कैसे दिल को सेहतमंद रखता है: (How Vitamin D Keeps Heart Healthy)
विटामिन डी (Vitamin D) बॉडी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों (anti-inflammatory properties) के साथ कई हेल्थ बेनेफिट देता है। विटामिन डी ब्लड प्रेशर (blood pressure) को कंट्रोल करता है। विटामिन डी का पर्याप्त स्तर आपके हृदय और रक्त वाहिकाओं को अच्छी कार्यशील स्थिति में रखता है। यह रक्त वाहिकाओं की दीवारों के स्तर को मजबूत करता है ताकि ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहे। ओहियो यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन से पता चला है कि विटामिन डी3 उच्च रक्तचाप के कारण हृदय और रक्त वाहिकाओं को हुए नुकसान की मरम्मत कर सकता है।