अगर हमारी बॉडी में मौजूद सारी नसें ठीक से काम नहीं करें तो हमारी बॉडी का पूरा का पूरा सिस्टम प्रभावित हो सकता है। हमारी बॉडी के किसी भी हिस्से की नर्व में अगर प्रोब्लम हो जाए या नस दब जाए तो हमारी बॉडी में कई तरह की परेशानियां हो सकती है। नसों में ब्लॉकेज होने से या नस दबने से मांसपेशियों में दर्द या ऐंठन हो सकती है, हाथों और पैरों में झुनझुनी या सुन्न होने की परेशानी हो सकती है,पकड़ कमजोर हो सकती है और चीजे हाथों से गिर सकती हैं, चलने-फिरने में हो दिक्कत हो सकती है, थकान, सुस्ती,कमजोर याददाश्त और ध्यान में कमी जैसी परेशानियां हो सकती हैं। ये सारी परेशानियां नसों के कमजोर होने से होती है। नसों में कमजोरी एक ऐसी स्थिति है जिसमें नसों का सामान्य कार्य प्रभावित होता है। नसों की कमजोरी की वजह से मांसपेशियों की ताकत, संवेदनशीलता और कॉर्डिनेशन में कमी होने जैसी दिक्कत हो सकती है।

नसों में कमजोरी होने के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे बॉडी में पोषक तत्वों की कमी, डायबिटीज की वजह से नर्व्स प्रोब्लम होना, शारीरिक और मानसिक तनाव होना, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर, लंबे समय तक बैठे रहना, व्यायाम की कमी और नशीले पदार्थों का सेवन करने से नसें कमजोर हो सकती हैं। कुछ दवाओं के सेवन से भी बॉडी की नसें कमजोर हो सकती हैं।  किसी दुर्घटना या चोट के कारण नसों को नुकसान हो सकता है।

आयुर्वेदिक और युनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी ने बताया नसों में कमजोरी होने के लिए बॉडी में 4 विटामिन की कमी जिम्मेदार है। इन चार विटामिन की कमी की वजह से नसें कमजोर और नर्व्स डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि बॉडी में कौन-कौन से चार ऐसे विटामिन है जो नसों की कमजोरी के लिए जिम्मेदार हैं।

विटामिन बी 12 की कमी

Vitamin B12 बॉडी के लिए जरुरी ऐसा विटामिन है जो हमारे नर्व सेल्स को प्रोटेक्ट करता है। बॉडी में इस विटामिन की कमी होने से बॉडी में खून की कमी हो सकती है और मसल्स में कमजोरी आ सकती है। नर्व डैमेज और याददाश्त तक को ये विटामिन प्रभावित करता है। बॉडी में इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए आप सभी एनिमल फूड्स का, डेयरी प्रोडक्ट का, फोर्टिफाइड फूड, दूध,पनीर और मशरूम का सेवन कर सकते हैं।

विटामिन बी 1 (थायमिन)

विटामिन बी1 (थायमिन) नसों की कमजोरी को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह नर्वस सिस्टम के स्वस्थ कार्य के लिए आवश्यक है। यह विटामिन शरीर में ऊर्जा उत्पादन और न्यूरो फिजियोलॉजिकल कार्यों को बनाए रखने में मदद करता है। थायमिन ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी है, जो शरीर और खासकर मस्तिष्क और नसों को ऊर्जा प्रदान करता है। थायमिन नसों के जरिए संकेत भेजने के लिए आवश्यक एंजाइम को सक्रिय करता है। यह मस्तिष्क और मांसपेशियों के बीच समन्वय में सुधार करता है, जिससे नसों की कमजोरी कम होती है। ये विटामिन दिमाग के लिए फ्यूल का काम करता है। अगर आप बॉडी में किसी भी तरह का नर्व से जुड़ी परेशानी महसूस करें तो तुरंत इस विटामिन से भरपूर फूड का सेवन करें। बॉडी में इसकी कमी को पूरा करने के लिए आप साबुत अनाज, दालें, बींस, सूखे मेवे,मांस-मछली और सब्जियों का सेवन करें।

विटामिन बी 6 का करें सेवन

नसों की कमजोरी को दूर करने के लिए आप रोजाना विटामिन बी 6 से भरपूर फूड का सेवन करें। विटामिन बी6 (पाइरिडोक्सिन) नसों के स्वास्थ्य को बनाए रखने और उन्हें प्रोटेक्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह विटामिन नर्वस सिस्टम के सामान्य कार्य को सुनिश्चित करता है और कई न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को रोकने में मदद करता है। विटामिन बी 6 न्यूरोट्रांसमीटर्स जैसे, सेरोटोनिन, डोपामिन और गाबा के निर्माण में मददगार है। ये न्यूरोट्रांसमीटर्स मस्तिष्क और नसों के बीच सिग्नल ट्रांसमिशन को नियंत्रित करते हैं। बॉडी में इसकी कमी को पूरा करने के लिए आप अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स,केला, एवोकाडो,पालक, आलू, दालें और बीन्स,मांस और मछली,नट्स और सीड्स का सेवन करें।

विटामिन E से करें नसों को स्ट्रांग

विटामिन E एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो नसों को मजबूत बनाने और उनकी हिफाजत करने में अहम किरदार निभाता है। यह नसों की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाता है और नर्वस सिस्टम को बेहतर बनाता है। विटामिन E रक्त को पतला करने और नसों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाने में मदद करता है। विटामिन E न्यूरोपैथी और अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के जोखिम को कम करता है। बॉडी में इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए आप डाइट में नट्स और सीड्स का सेवन करें। फल और सब्जियां खाएं,साबुत अनाज और मूंगफली का सेवन करें।

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