हमारे शरीर को ठीक से काम करने के लिए कई विटामिन और मिनरल्स की जरूरत होती है। इनमें सबसे जरूरी विटामिन है, विटामिन B12। यह विटामिन शरीर में कई प्रक्रियाओं को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है। भारत जैसे देशों में बड़ी आबादी शाकाहारी है, जिसके चलते विटामिन B12 की कमी गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है। हालांकि, समय पर पहचान और सही डाइट अपनाकर इसे आसानी से रोका जा सकता है। डेयरी प्रोडक्ट्स, फोर्टिफाइड फूड्स और जरूरत पड़ने पर सप्लीमेंट्स को शामिल करना सबसे आसान और प्रभावी समाधान है।

विटामिन B12 का काम

विटामिन B12 हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण, DNA संश्लेषण और तंत्रिका तंत्र यानी नर्व हेल्थ को मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। वयस्कों को औसतन 2.4 माइक्रोग्राम विटामिन B12 रोजाना चाहिए होता है। शरीर के लिए विटामिन बी12 को लेकर सबसे बड़ी समस्या ये है कि इसे हमारा शरीर इसे खुद से नहीं बना पाता, बल्कि इसे आहार से ही प्राप्त करना पड़ता है।

मांसाहारी लोगों के लिए इसके स्रोत आसान है जैसे मांस, मछली और अंडे आदि का सेवन, लेकिन भारत जैसे देशों में जहां बड़ी आबादी शाकाहारी है, वहां विटामिन B12 की कमी आम समस्या बन गई है। एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर, डॉ, बिमल झाजर ने शाकाहारियों में B12 की कमी से जुड़े 3 बड़े फैक्ट और इसे दूर करने के उपाय बताए हैं।

शाकाहारियों में B12 की कमी का पहला कारण

विटामिन B12 मुख्य रूप से नॉनवेज फूड में पाया जाता है। दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स में भी यह मौजूद है, लेकिन शाकाहारी लोग अगर पर्याप्त मात्रा में डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन न करें, तो उनमें B12 की कमी हो सकती है। यह कमी धीरे-धीरे विकसित होती है, क्योंकि शरीर का लिवर कई सालों तक B12 स्टोर कर सकता है। हालांकि, शुरुआती दौर में इसके लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन धीरे-धीरे यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

B12 की कमी के लक्षणों को नजरअंदाज

B12 की कमी धीरे-धीरे असर दिखाती है। इसके लक्षण आम होते हैं, जिन्हें लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। अक्सर कमजोरी, थकान, मूड स्विंग या याददाश्त संबंधी समस्याओं के रूप में सामने आती है और इन लक्षणों को अक्सर किसी और बीमारी का नतीजा समझ लिया जाता है। विटामिन बी12 की कमी की शुरुआत का चुपचाप होना ही शुरुआती पहचान को मुश्किल बना देता है। यही कारण है कि इस कमी की पहचान करना मुश्किल होता है और कई लोग देर से जांच कराते हैं, जब तक यह गंभीर रूप न ले लेता है।

हार्ट और नसों पर असर

विटामिन B12 का सबसे बड़ा असर दिल और नसों पर पड़ता है। इसकी कमी से शरीर में होमोसिस्टीन का लेवल बढ़ जाता है, जिससे हार्ट रोगों का खतरा बढ़ता है। लंबे समय तक कमी रहने पर नर्व डैमेज, झनझनाहट, हाथ-पैरों में सुन्नपन और बैलेंस की समस्या हो सकती है।

शाकाहारी B12 की कमी कैसे दूर करें

विटामिन बी12 की कमी को पूरा करने के लिए खानपान से लेकर लाइफस्टाइल में थोड़ा बदलाव करना फायदेमंद साबित हो सकता है। सबसे पहले समय रहते इसके लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो इस कमी को आसानी से मैनेज किया जा सकता है। फोर्टिफाइड फूड्स जैसे सोया मिल्क, बादाम मिल्क और न्यूट्रिशनल यीस्ट को आहार में शामिल करें। इसके अलावा डॉक्टर की सलाह से B12 सप्लीमेंट्स यानी टैबलेट, कैप्सूल या स्प्रे लें सकते हैं।

इसके अलावा खाने के रूप में विटामिन बी12 की कमी को पूरा करने के लिए दूध, दही और पनीर आदि डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें। शाकाहारी लोग यदि एगिटेरियन हैं तो यह बेहतरीन विकल्प है। किण्वित भोजन जैसे टेम्पेह और नोरी यानी समुद्री शैवाल भी कुछ मात्रा में B12 प्रदान करते हैं, इनका सेवन भी किया जा सकता है।

वहीं, एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने बताया अगर आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आप एनिमल फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।