बरसात के समय में मौसम खुशनुमा हो जाता है। ऐसे में गाने सुनना बहुत से लोगों को पसंद होता है। बरसात की दोपहरें अक्सर पसंदीदा प्लेलिस्ट के साथ और भी खूबसूरत लगती हैं। अक्सर लोग बारिश में आते जाते कानों में ईयरफोन लगाकर गानों की धुन में गुम हो जाते हैं, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इस आदत में छिपा खतरा कानों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। PSRI हॉस्पिटल की ईएनटी सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मीना अग्रवाल के मुताबिक, बारिश के दौरान ईयरफोन का इस्तेमाल कान में संक्रमण का खतरा चार गुना बढ़ा देता है।

कौन सा इंफेक्शन सबसे आम है?

बारिश में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला ओटाइटिस एक्सटर्ना या ओटो माइकोसिस कान का संक्रमण है। यह एक फंगल इंफेक्शन है। कान के अंदर नमी फंस जाने के चलते बैक्टीरिया और फंगस आसानी से पनपने लगते हैं।

नमी और ईयरफोन का क्या है मेल

बरसात में हवा में नमी बढ़ जाती है। जब हम इन-ईयर बड्स लगाते हैं, तो कान के अंदर हवा का प्रवाह रुक जाता है। यह गर्म और नम वातावरण संक्रमण के लिए अच्छी जगह बनाता है। ऐसे में ओवर-द-ईयर हेडफोन थोड़ा सुरक्षित माने जाते हैं, लेकिन लंबे समय तक इन्हें भी इस्तेमाल करने पर भी संक्रमण का रिस्क बना रहता है।

ईयरफोन की क्वालिटी और मटेरियल

दरअसल, मार्केट में तमाम तरह के ईयरफोन मिल रहे हैं। कंपनियां भी सस्ता देने और लोगों को लुभाने के लिए क्वालिटी पर ध्यान नहीं देती। सस्ते प्लास्टिक से बने ईयरफोन में टॉक्सिन्स निकल सकते हैं, जो कान को नुकसान पहुंचाते हैं। पुराने या कम गुणवत्ता वाले ईयरफोन में छोटे-छोटे क्रैक हो जाते हैं, जहां बैक्टीरिया और फंगस आसानी से छिपा सकते हैं। अगर, ईयरफोन को साफ न किया जाए तो यह बैक्टीरिया का घर बन जाते हैं।

कान के संक्रमण के लक्षण

  • कान में खुजली होना
  • कान भरा हुआ महसूस होना
  • हल्का दर्द या दबाव
  • कान से पानी या मवाद निकलना
  • सुनने की क्षमता अस्थायी रूप से कम होना

डॉ. मीना अग्रवाल के मुताबिक, कान में किसी भी तरह के इंफेक्शन के ये शुरुआती चेतावनी संकेत हैं। इन्हें अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है और लंबे समय में सुनने की क्षमता पर असर डाल सकता है। बरसात में ईयरफोन इस्तेमाल से बचने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। बारिश के समय में ईयरबड्स का इस्तेमाल कम करें, कानों को सूखा रखें यानी नहाने या बारिश में भीगने के बाद तुरंत कान साफ करें। ईयरफोन को नियमित रूप से अल्कोहल वाइप्स या कॉटन से साफ करें। इसके अलावा किसी के साथ भी ईयरफोन शेयर न करें, क्योंकि इससे बैक्टीरिया और फंगस आसानी से फैलते हैं।

एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर कान में लगातार दर्द, सूजन, डिस्चार्ज या सुनने में समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसके साथ ही समय पर इलाज जैसे एंटी-फंगल या एंटीबायोटिक ईयर ड्रॉप्स से संक्रमण जल्दी ठीक हो जाता है। कान के संक्रमण के लक्षणों को नजरअंदाज करने पर समस्या गंभीर हो सकती है और लंबे समय तक कान की सेहत पर असर डाल सकती है।

वहीं, एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने बताया अगर आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आप एनिमल फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।