डायबिटीज की बीमारी को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। डायबिटीज दो तरह की होती है एक टाइप-1 डायबिटीज तो दूसरी टाइप-2 डायबिटीज। टाइप-2 डायबिटीज को डाइट से, लाइफस्टाइल में बदलाव करके और बॉडी को एक्टिव रखकर कंट्रोल किया जा सकता है। जबकि टाइप -1 डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन लेना जरूरी होता है। डायबिटीज एक क्रॉनिक बीमारी है जो पैन्क्रियाज में इन्सुलिन की कमी होने से बढ़ती है। जब इंसुलिन का कम उत्पादन होता है तो ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है। अगर लम्बे समय तक ब्लड में शुगर का स्तर हाई रहे तो इस बीमारी के जोखिम बढ़ने का खतरा अधिक रहता है।
आयुर्वेद में डायबिटीज को ‘मधुमेह’ कहा जाता है। यह शरीर में असंतुलित वात, पित्त और कफ दोषों के कारण होती है, खासतौर पर कफ दोष की अधिकता से। आयुर्वेद में इस बीमारी को कंट्रोल करने के लिए कई तरह की जड़ी-बूटियां मौजूद है। आयुर्वेद के मुताबिक डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए डाइट में बदलाव करना, दिनचर्या और योग का पालन करना जरूरी है।
कुछ डायबिटीज मरीजों की फॉस्टिंग शुगर हाई रहती है तो कुछ मरीजों की खाने के बाद की शुगर हाई रहती है। जिन लोगों का फॉस्टिंग ब्लड शुगर हमेशा 250 mg/dl से ज्यादा रहता है ऐसे लोग अगर रोजाना एक खास जूस का सेवन करें तो पुरानी से पुरानी शुगर को भी नॉर्मल कर सकते हैं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए डायबिटीज मरीज रोजाना मेथी दाना का सेवन पानी में भिगोकर करें। मेथी दाना डायबिटीज को कंट्रोल करता है और बॉडी को कई तरह से फायदा भी पहुंचाता है।
जिन लोगों की फास्टिंग शुगर हाई रहती है वो रोजाना खीरा, टमाटर और करेले के जूस का सेवन करें। ये मैजिकल जूस फास्टिंग शुगर को नॉर्मल रखेगा। डायबिटीज मरीज रोजाना इस जूस का सेवन करें तो नेचुरल तरीके से इंसुलिन का उत्पादन होता है और ब्लड शुगर भी नॉर्मल रहती है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक इस जूस का सेवन करके डायबिटीज मरीज नॉन डायबिटीज हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि खीरा,टमाटर और करेले का जूस कैसे मधुमेह कंट्रोल करता है।
खीरा कैसे डायबटीज करता है कंट्रोल
खीरा एक ऐसा फल है जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम है। इसका सेवन करने से बॉडी हाइड्रेट रहती है और अचानक से ब्लड शुगर का स्तर नहीं बढ़ता। फाइबर से भरपूर खीरा पाचन को दुरुस्त करता है और बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालता है। खीरे का सेवन करने से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता है।
टमाटर और करेला कैसे मधुमेह करते हैं कंट्रोल
टमाटर एक ऐसी सब्जी है जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है, जिसका सेवन में ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है। टमाटर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कंट्रोल करता है और सूजन से बचाव करता है। कम कैलोरी और हाई फाइबर टमाटर वजन को कंट्रोल करता है और डायबिटीज मरीजों के लिए अमृत साबित होता है। करेला में चारंटिन और पोलिपेप्टाइड-P जैसे प्राकृतिक तत्व मौजूद होते हैं, जो इंसुलिन की तरह काम करके ब्लड शुगर को कम करते हैं। करेला पैंक्रियास में बीटा सेल्स को उत्तेजित करता है जिससे नेचुरल तरीके से इंसुलिन का उत्पादन होता है। खीरा, टमाटर और करेले का जूस बॉडी को डिटॉक्स करता है और वजन को कंट्रोल करता है।
खीरा, टमाटर और करेला जूस कैसे तैयार करें
सामग्री:
- 1 खीरा
- 1 टमाटर
- 1 करेला बीज निकालकर
- 1/2 नींबू
- 1/2 गिलास पानी
इस जूस को बनाने के लिए खीरा, टमाटर और करेला को वॉश कर लें और मिक्सर में डालें साथ ही आधा गिलास पानी भी डालें और उसे अच्छे से ब्लेंड करें। इस जूस को छान लें और उसका सेवन सुबह खाली पेट करें आपकी 250 फास्टिंग शुगर भी आसानी से कंट्रोल हो जाएगी।
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