sprouts benefits in hindi: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में खानपान से लेकर लाइफस्टाइल तक सब कुछ बदल चुका है। ऐसे में सेहत का ख्याल रखना पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। यही वजह है कि लोग अब ऐसे फूड्स की तलाश में रहते हैं, जो कम मेहनत में ज्यादा पोषण दे सकें। स्प्राउट्स यानी अंकुरित अनाज को आजकल इसी कारण सुपरफूड की कैटेगरी में रखा जाता है। सलाद, चाट या स्मूदी में स्प्राउट्स को कच्चा शामिल करना हेल्दी ट्रेंड बन चुका है। होलिस्टिक हेल्थ न्यूट्रिशनिस्ट और डायबिटीज एजुकेटर खुशी छाबड़ा के अनुसार, कच्चे स्प्राउट्स खाने का चलन सेहत के लिए उतना फायदेमंद नहीं है, जितना आमतौर पर माना जाता है। वह बताती हैं कि कच्चे स्प्राउट्स में मौजूद कुछ प्राकृतिक तत्व पाचन तंत्र पर दबाव डाल सकते हैं और कई लोगों में गैस, ब्लोटिंग या पेट दर्द जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

खुशी छाबड़ा के मुताबिक, स्प्राउट्स को पकाकर या हल्का भाप देकर खाना ज्यादा सुरक्षित और लाभकारी होता है। ऐसा करने से न सिर्फ हानिकारक बैक्टीरिया का खतरा कम होता है, बल्कि शरीर को इनमें मौजूद पोषक तत्वों को पचाने और अवशोषित करने में भी आसानी होती है। यही वजह है कि एक्सपर्ट्स कच्चे की बजाय हल्के पके हुए स्प्राउट्स को डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं, ताकि सेहत को पूरा फायदा मिल सके।

क्या हैं अंकुरित अनाज और क्यों हैं खास?

अंकुरित अनाज साधारण दालों और अनाज को भिगोकर अंकुरित करने से बनते हैं, जैसे मूंग, चना, मसूर आदि। जब अनाज अंकुरित होता है, तो उसके अंदर छिपे पोषक तत्व कई गुना बढ़ जाते हैं। प्रोटीन, फाइबर, विटामिन-सी, विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स, आयरन, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा बढ़ जाती है। सबसे अहम बात यह है कि अंकुरण के दौरान एंजाइम एक्टिव हो जाते हैं, जो भोजन को आसानी से पचाने में मदद करते हैं। यही वजह है कि सर्दियों में स्प्राउट्स को सुपरफूड माना जाता है।

पाचन तंत्र के लिए कैसे फायदेमंद हैं स्प्राउट्स

अंकुरित अनाज में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। यह आंतों को साफ रखता है और कब्ज, गैस व अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। नियमित रूप से सही मात्रा में स्प्राउट्स खाने से पेट हल्का रहता है और पाचन बेहतर होता है। जिन लोगों को अक्सर पेट फूलने या भारीपन की शिकायत रहती है, उनके लिए यह बेहद कारगर उपाय हो सकता है।

कच्चे स्प्राउट्स क्यों हो सकते हैं नुकसानदेह?

होलिस्टिक हेल्थ न्यूट्रिशनिस्ट और डायबिटीज एजुकेटर खुशी छाबड़ा के अनुसार, कच्चे स्प्राउट्स खाना हमेशा फायदेमंद नहीं होता। स्प्राउट्स में पोषक तत्व तो भरपूर होते हैं, लेकिन इनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा 60–65% तक हो सकती है। ज्यादा मात्रा में या कच्चे रूप में खाने से पाचन बिगड़ सकता है। इसके अलावा कच्चे स्प्राउट्स में बैक्टीरिया पनपने का खतरा भी रहता है, जिससे फूड पॉइजनिंग या संक्रमण हो सकता है।

वजन, इम्यूनिटी और खून की कमी में लाभ

स्प्राउट्स कम कैलोरी में भरपूर पोषण देते हैं। इन्हें खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और वजन कंट्रोल में रहता है। इनमें मौजूद विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट्स इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं और संक्रमण से बचाते हैं। साथ ही अंकुरित अनाज में आयरन की मात्रा बढ़ जाती है, जो एनीमिया यानी खून की कमी में फायदेमंद है।

त्वचा, बाल और डायबिटीज के लिए भी फायदेमंद

अंकुरित अनाज का असर सिर्फ पेट तक सीमित नहीं है। इनमें मौजूद बायोटिन और प्रोटीन बालों को मजबूत बनाते हैं और झड़ने से रोकते हैं। त्वचा में भी निखार आता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए भी स्प्राउट्स अच्छे माने जाते हैं, क्योंकि इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ाते।

स्प्राउट्स खाने का सही तरीका

अगर आप स्प्राउट्स का पूरा फायदा लेना चाहते हैं, तो इन्हें हल्का पकाकर या भाप में पका कर खाएं। इससे फाइबर नरम हो जाता है और पचाने में आसानी होती है। खुशी छाबड़ा के मुताबिक, स्प्राउट्स में अदरक, जीरा, काली मिर्च और सेंधा नमक डालना फायदेमंद रहता है। ये मसाले पाचन को मजबूत करते हैं। आप इसमें दही, पनीर या अंडे मिलाकर भी खा सकते हैं।

निष्कर्ष

अंकुरित अनाज पोषण का खजाना हैं और सर्दियों में पाचन सुधारने का आसान प्राकृतिक तरीका भी। बस जरूरी है कि इन्हें सही मात्रा और सही तरीके से खाया जाए। इस बात का ध्यान रखें कि कच्चे स्प्राउट्स से बचें और हल्के पके हुए स्प्राउट्स को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।

डिस्क्लेमर

यह स्टोरी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव या डाइट में परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर या योग्य हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

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